इश्क़ तो इश्क़ है,
इश्क़ हो जाता है ,
खबर लगती नही,
दिल खो जाता है....!!!!
♥️संतोष गुड़िया♥️-
मोहब्बत है के नफरत,कोई इतना तो समझाऐ,,
"यारा"
कभी मैं दिल से लड़ती हूँ , कभी दिल मुझसे लड़ता है..!!!!!
🍁संतोष गुड़िया🍁-
दिल हज़ार बार बोले,हज़ार बार चीखे,
हज़ार बार चिल्लाये,उसे चिल्लाने दीजिये,
जो आपका नही हो सकता,
उसे जाने दीजिए...!!-
अंदर चीख पुकार मची है,
कांटे में जैसे कोई मछली फंसी है।
मानो पैरों तले से धरती धंसी है,
गायब हो गयी अपनी हंसी है।
के अंदर चीख पुकार मची है,
अंदर चीख पुकार मची है।
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हुक्म है उसका की , जहान पे उसकी ही हुक्मरानी चलेंगी
कह दो उसे की ए ' दिल' है मेरा , कोई सत्ता का गलियारा नहीं , जहाँ हर किसी की दावेदारी चलेंगी-
लौटने के लिए जाना है मुझे
उस पार तो गया इस पार आना है मुझे
तेरे दिल से गया ही कब था
की दिल का दरवाज़ा खटखटाना है मुझे-
निहारती है आँख
पुकारता है दिल
अकेले मे कभी
तु हमे आके मिल
हमारे दर्द मे
तु भी हो जा शामिल
निहारती है आँख
पुकारता है दिल
-
#दिलकीपुकार
मज़हब एक जड़..
भरी सी आवाज़ में मैनें कहा "खुदा हाफ़िज़"
अपने आंसुओं को गाल से अलग करते हुए उसने हल्के आवाज़ में कहा,"शब्बा खै़र"।
और बस आखरी बार बिना कोई मुस्कान के वह चल दी।
शायद दर्द का एहसास ही असल दर्द से भारी लग रहा था।
अलग होना बस दो लोगो की जुदाई नहीं ,जो खयाल मिल रहे थे उनका अलग होना ,जो बाते बन रही थी उनका बिछड़ जाना ,जो रिश्ते पनप रहे थे उनका टूट जाना था।
इसी तरह मज़हब के इस शब्द ने दिल की आवाज़ को दबा कर रख दिया।
"खुदा हाफ़िज़" बस एक आम लफ्ज़ बन कर रह गया...-
रहने का हक सिर्फ तुझे ही हैं....
तो कर दे कोई करामात....ऐ खुदा!
मेरी मर्जी को अपनी रजा बना दे।।-