खुदा का अप्रतिम कृति हो तुम
हर घरों को करे रौशन वो दीप ज्योति हो तुम
कभी माँ कभी बहन कभी बहु कभी बेटी
हर रूपों में खुदा का एक नया रुप हो तुम
विश्व कि संचालनी हो तुम
कोमल पर शक्तिशालनी हो तुम
तुम से ही तो जग निर्मित है
परहित के लिये अर्पित हो तुम
हे नारी !
प्रेम हो तुम ,स्नेह हो तुम
वात्सल्य हो तुम ,दुलार हो तुम
बच्चो के लिये माँ का प्यार हो तुम
हे नारी !
अपरम्पार हो तुम
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