एक बात कहूँ अग़र तुम सुन सको तो...
-
तुम्हारे अहंकार पर चोट हूँ मैं,
खुदगर्ज आवारा अनकहा विस्फोट हूँ मैं।🙌🖤
दिल हज़ार बार बोले,हज़ार बार चीखे,
हज़ार बार चिल्लाये,उसे चिल्लाने दीजिये,
जो आपका नही हो सकता,
उसे जाने दीजिए...!!-
दोस्त पूछते हैं बार बार तबियत मेरी लेकिन,
मैं अब ज़िंदा नही हूँ !ये एक बार बस आईने को बताया था!-
मैं ऊब गया हूँ सब से..
मुझे अब 'मैं' , 'तुम' और 'हम' चाहिए।❤️
:-सतीश।🌻🌿
२७/०१/२०२१-
यूँ काजल लगा कर तुम जाना कहीं भी! कभी नही,
शायद कयामत है अभी कही थमी हुई सी।-
मुस्कुराती हुई चाँदनी रात
सन्नाटो के बीच से गुज़र गयी रे,
तू दिखे जैसे ही मुझे!
मेरी ही नज़र तेरे उस काले धागे को लग गयी रे!-
सबका बोझ इतना ढोया जायेगा,
की साला! हारने की हिम्मत ही ख़त्म हो जाये..-
तुम्हारे कान में झुमके अच्छे लगते हैं उतने,
जितने की रात के आँगन में सितारे चाँद।-