(सच्चा दोस्त)
ऐसे तो दोस्त बहुत है जिंदगी में
पर सच्चे दोस्त का फर्ज निभाया है सिर्फ तुम ने
जहाँ जरूरत पड़ी वहाँ बिना बुलाये खड़ा पाया है तुम्हें।।
कहने को बहुत से किस्से कहानियां हैं मेरे पास
पर उन सब से ऊपर बढ़ कर प्यार लुटाया है तूने।।
करूँ शुकराना क्यों न रब का बार बार
मेरे आंसू पोछ रोते को खूब हंसाया है तूने
तेरे रूप में हर बार रब को सामने खड़ा पाया है मैनें।।
यूँ तो, दोस्ती का दावा करने वाले बहुत मिले सफ़र में
पर चुपचाप हर फ़र्ज़ निभाने का हुनर दिखाया है तूने।।
तभी तो कहती हूं...ऐ दोस्त ! तू सबसे न्यारा है
तू तो मुझे मेरी जान से भी प्यारा है।।
बुरी नज़र से बचा कर रखना ऐ खुदा इस दोस्ती को,
नज़रों मे आने से कीमती ख़ज़ानों को खोते पाया है मैनें।।
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