हर दिन एक नई पीड़ा से ऐसे गुज़रता है जैसे दुःख के गेहूँ को पीसकर आटा कर देगा.
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मेरे देख आँसू.. जो मुस्कुराते हैं
याद रखना.. दिन बुरे हर शख़्श पे आते हैं,
कुछ नया रखा है शायद दिल की पुरानी टहनी पे
तभी तो मौसम पतझड़ के.. दरख़्त पे आते हैं,
क्या मिलेगा सोच के.. के क्या होगा "मन" मेरे
नये अंकुर भी.. वक़्त पे आते हैं,
जीते-जी ही रिश्ते हैं सब मुहब्बत के
जलाने के बाद लोग कहाँ.. मरघट पे आते हैं,
मेरे देख आँसु.. जो मुस्कुराते हैं
याद रखना.. दिन बुरे हर शख्श पे आते हैं..!-
तुम मिल जाओ तो ज़िन्दगी हो जाए
दिन beautiful महीने wonderful
साल success ज़िन्दगी successful-
ये वक़्त भी गुज़र जाएगा,
ये दिन भी ढल जाएगा,
और ये मौसम भी बदल जाएगा,
नहीं बदलेगा तो ये दिल
जो सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है।-
कल की तरह आज भी
दिन कुछ यूं निकल गया
सुबह ज़िम्मेदारी के बोझ तले दबे और
शाम को ख़्वाहिशों से किनारा कर लिया-
एक नई सुबह
एक नई उम्मीद की किरण
नए दिन के साथ स्वागत करती है
जैसे जैसे रात ढले
वैसे वैसे बीते लम्हो
को वक़्त यादो की चादर
से ढक लेता है ।।-
अपनी खुशियां लुटा कर उस पर कुर्बान हो जाऊ
काश कुछ दिन उसके दिल का मेहमान हो जाऊं-
कच्चा सूरज,पकनें को, हवाओं को सींचता
सहर से होते, निकला है,शाम की तलाश में-
तुमको देख- देख कर मैं क्यों आहें भरता हूँ ?
मैं कोई फूल तो नहीं जो दिन ढलते मरता हूँ ।-