बेवफा कहना उसको तुझे आसान नजर आया होगा।
ख़ुद की खामियों पर भी तो, तूने बख़ूबी पर्दा गिराया होगा।
किस कदर सताया होगा बेवजह रुलाया होगा ।
तेरे अल्फाज़ ही काफ़ी है क़त्ल करने को,
तीखे तेवरों के साथ तूने क्या ज़ुल्म ढाया होगा।
रूठी नहीं टूट कर जुदा हुई वो तुझसे,
तभी तो वापसी का कोई रास्ता ही नज़र ना आया होगा।-
सरकारी मैडम जैसे तेवर है उनके
जनाब
प्यार मांगता हूँ तो कहती है कल आना
................. 🙄🙄🙄..................-
मार्च भी दिखा रहा है देखो मई से तेवर
सूरज ने जैसे पहन लिये हों सारे जेवर
अभी तो जेठ का महीना आना बाकी है
सहम गयीं हैं भाभियाँ इन द मन्थ ऑफ देवर-
सिर्फ सुनो मत
सुना भी दो...
कोई हद पार करे
तो उड़ा भी दो...
" हिमांशु बंजारे "-
कुछ बदले-बदले से,
उनके तेवर,
नजर आ रहे,
वो भूल गए हैं,
या......!
भुलाने की कोशिश,
किए जा रहे हैं।-
# 30-12-2020 # काव्य कुसुम # तेवर #
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ज़माने के तेवर देख कर कभी भी हम चल न सके ।
देख कर ज़माने का चलन कभी भी हम चल न सके ।
अपने ही तेवर से ज़िंदगी को अंजाम दिया है हमने -
अंजाम ज़िंदगी का देख कभी भी हम चल न सके ।-
# 16-01-2021 # काव्य कुसुम # ज़मीर #
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बहते रहे लोग तो हवाओं के रुख के साथ पर हम बह न सके ।
चलते रहे अकेले पर चलना हवाओं के साथ हम सह न सके ।
अपने ही तेवर से मुकम्मल ऊँचाई दी हमने अपने ज़मीर को -
चलते रहे जो हवाओं के रुख के साथ तेवर उनके रह न सके ।-
तुम्हारे बदलते हुए तेवर ,
मुझे नज़र आ रहें हैं ;
ग़म तो किसी बात का नहीं,
फिर भी हम उदास नज़र आ रहें हैं।
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काग़ज़ी लफ़्ज़ वफ़ा नहीं कर पाएँगे
जितना समझा ना सके उतना उलझा जाएँगे..!!
दरिया में आग लगाने के लिए इशारे काफ़ी हैं
बैठे इरादे से कि तेवर हमारे लहरें ले आएँगे..!!-