याद तेरी आई मैं बेहाल हो गया,
"तुषार" तुझे गए फिर एक साल हो गया।
कभी बात बात में तेरा वो हंस जाना,
तो कभी छोटी छोटी बातो पे रूठ जाना।
वो प्यारा सा गुस्सा, वो गुमसुम हो जाना,
फिर हमारा आकर वो तुमको मनाना।
करके शैतानिया हमारी डांट खाना
कभी बात सारी हमारी मान जाना।
ये ढेर सारी यादें, तूं हमको यू देकर
गया तूं कहा ये सवाल हो गया।
गूंजती है आज भी हंसी तेरी हवाओ में
तुझ बिन सुना तेरा ननिहाल हो गया।
-