आपके ही नाम से जाना जाता हूँ “पापा”,
भला इस से बड़ी शोहरत मेरे लिए क्या होगी।-
चैत्रमास नवरात्रि में
शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि आज
नमन करूं मैं मां तुमको
पूर्ण करो सब काज-
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को पाण्डव वारणावत गए थे।
(महाभारत के आदिपर्व के चवालीसवें अध्याय के चौंतीसवें श्लोक में वर्णित)-
जिन तिथियन का चंद्रमा, उन तिथियन के तुम पिया
क्यों तुमको न नेह छजे क्यों अँखियन चातुर्मास हुआ-
उन से मुलाकात की तिथि तो लिखी खुदा ने
लेकिन शायद उन से मिलाने का समय लिखना भूल गया
भूले भटके मैरी याद आई भी खुदा को
लेकिन जब लिखने बैठा
तो खुदा कलम में स्याही भरना भूल गया-
!! पुण्यदायी तिथियाँ !!
14 मई : विष्णुपदी संक्रांति
18 मई : अपरा एकादशी
26 मई : मंगलवारी चतुर्थी
28 मई : गुरुपुष्यामृत योग
02 जून : निर्जला एकादशी
08 जून : विद्यालाभ योग
09 जून : मंगलवारी चतुर्थी
14 जून : षडशीति संक्रांति
17 जून : योगिनी एकादशी
20 जून : दक्षिणायन आरम्भ
21 जून : सूर्यग्रहण-