.....
-
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं ,
और क्या जुर्म है पता ही नहीं,
कितने हिस्सों में बंट गई हूं मैं,
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं ।
-
मेने इस संपूर्ण जगत
को माफ किया ,
खुद को अब मेरे शिव
तुझे समर्पित किया
🙏🏻 ,,
रखियो लाज मेरी ,
तुम मेरे बाबा अब
हृदय से लगाकर ,
तुम भी ना देना
इस ज़माने की तरह
मुझे कोई भी छलावा,
सब छोड़ पीछे ये
पुत्री तेरे पास आई है
अब तू गले लगा ना
लगा ये मेरी नहीं
तेरी रुसवाई हैं
तेरी पुत्री ....शिवलिका-
कोशिशे ___
तो की तुमने मगर शिद्दत से नहीं,
जिसकी इस दिल को चाह थी वो किया ही नहीं,
फिर गिला किस बात का जो चाहिए था वो तुझे मिला ही नहीं ।।
-
जीवन है बहने दे __
तू जीवन सरिता का प्रवाह है ,
ये मत भूल की लौट कर तुझे अपने मन सागर में है आना ,
तो फिर साहिलों पे खड़े मुसाफिरों से क्या घबराना ,
उनका तो काम है तटों पर आना और लौट जाना ,
तू तेरी राह भूल ना जाना तेरा काम है
अपने वेग से बहते जाना और अपने मन सागर में मिल जाना ।।-