मुझे दर्द हमेशा
love you too
बोलता है.
तुम्हें भी?-
प्रेम करते रहना तब अत्यंत कठिन हो जाता है जब आपको ये न पता हो कि आप सामने वाले को स्वीकार हैं या अस्वीकार.
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हर निशा में
अमृत कलश
लेखनी को आपकी
इस तरह मिल जाए सारा
हो उदित शशि नभ,
मन प्रमुदित,
ज्यों अक्षरों में
दीप के
ब्रह्मांड वारा.-
अभी उतरा कहाँ था मन से जादू मल्हारा
आ गया, महिषासुर मर्दिनी का जयकारा
रुत बदल रही अब देखो मौसम बदल रहा
सूने मन में उमड़ा, उमंग का ज्वार दोबारा
हो चली हैं गीत की सब गलियाँ मनभावन
लुटा रहा है नभ तुम पर, अपना नेह सारा
धुन मधुर, कर्णप्रिय थी उदर तर कर गयी
मिल गया, जो खोया था स्वर सबसे प्यारा
शब्दों की रागिनी यों छायी रहे घटा बनके
विजित सिकंदर ही हुआ है साथ जग सारा-
मैंने अपनी आँखें उतार कर रख दी है
तुम्हारी एक एक आहट पर
मेरा मन वो चूल्हा हुआ जाता है
जिस पर चढ़ी है बस तुम्हारे नाम की चाय-
कितना अजीब सा है
कि मैं लिख दूँ
"I love you"
और ये सोचूँ कि
तुम पढ़ो उसे..
तुम ही पढ़ो उसे!
मैं लिख दूँ
"I hate you"
और तुम फिर भी कहो
"No, you love me."-
तुम आते हो
पास बैठते हो
साथ देते हो
गले लगाते हो
तुममें ढूंढू ख़ुद को
नज़र नहीं आते हो.
फिर लंबे रास्ते पर
तुम कहीं खो जाते हो
ख़ुशी इस बात की है
मुझमें तुम रह जाते हो.-
एक कवि
जो भी है लिखता
सभी को अपने जैसा लगता
कभी नींद कहे ये मेरे लिए
तो कभी निकल आए
ख़्वाब से रिश्ता!-