सुनो न...
इश्क़ वालों ने जी भरकर लूटा हमें
मेरे हर इक जज़्बात पर..
फिर भी मैं फ़क़त लिखती रहूंगी
इश्क़-ए-ताल्लुक़ात पर..
करते रहे गुरूर हम
इश्क़ में जिनके साथ का...
वही छोड़ गए हमें
मेरे बुरे वक्त और हालात पर..
❤️❤️❤️-
अश्क़ों से, सदमों से, ज़ख़्मों से, अज़ाबों से मिलता है,
इल्म ज़िन्दगी का, कहाँ दो चार किताबों से मिलता है!
मुस्कान से, दुआओं से, मासूम किलकारी से मिलता है,
सकूँ दिल का, कहाँ दौलत के लगे अम्बारो से मिलता है!
दूरियों से, इंतजार से, मुलाकात की बेसब्री से मिलता है,
किसी के होने का एहसास कहाँ नज़दीकी से मिलता है!
ख़्वाबों से, आहट से, दस्तकों से, हिचकियों से मिलता है,
किसी के याद आने का सबब कहाँ कहने से मिलता है!
लाज से, शर्म-ओ-हया से, सुर्खी-ए-रुख़सार से मिलता है,
मुशायरा लूटने का अंदाज़ भला कहाँ ग़ज़ल से मिलता है!
बोसा से, आगोश से, बग़लगीर से, बाँहों में से मिलता है,
तसल्ली रूह को कहाँ जिस्मानी ताल्लुकात से मिलता है !
झुकी पलकों से, आँचल में लिपटी अंगुलियों से मिलता है _राज सोनी
कुबूल-ए-इकरार का अंदाज़ कहाँ अल्फाजों से मिलता है!-
ताल्लुकात हमनें इतने गहरे बना लिए ,
दिल - दरवाज़े के सारे पहरे हटा लिए ।-
अब उन्हें ये कौन समझाये
बहुत खामोश रहने से ताल्लुक़ टूट जाया करते है..-
चैन की रात ...
जैसे दिल में कोई गहरी सी,
चुभ गई जज़्बात की सुई;
Read my caption's-
दूध पीने से तो हड्डियां मजबूत होती हैं जनाब,
और चाय साथ में पीने से तो रिश्ते,ताल्लुकात,और मुहब्बत मजबूत होती हैं।-
आजकल कुछ लोगों से ताल्लुकात ऐसे हो गए हैं,
हम साथ साथ होकर भी हम आपके कौन हो गए हैं!!
-Bharti Gupta ✍️-
इतना भी अदब नहीं मोहब्बत का मेरे
ताल्लुकात बढ़ाकर , दोस्ती कहते है !
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