भागती हुई मैं...
जीवन में ठहरी हुई हूं !!
-Bharti Gupta ✍🏻-
Simple living high thinking 🖤
मेरी बातों और जज़्... read more
लोगों के स्वार्थ बड़े निराले हैं !!
किसी के जाने का दुख भी बस इसीलिए,
क्योंकि उनको पूरे अपने स्वार्थ कराने हैं !!
अपनेपन की परत लगाकर,
गलत को भी सही बताकर,
झूठी सी एक शान दिखाकर,
ईश्वर को भी साक्षी बनाकर,
लोग कैसे बेझिझक हर बात पर कह लेते हैं,
"हम तो तुम्हारे अपने हैं" !!
-Bharti Gupta ✍🏻-
हर बात राजी है...
मुझमें अब बस तेरा प्यार ही बाकी है !!
तुझसे जुड़ी अब मेरी हर कहानी है...
तेरे बिना अब अधूरी ये जिंदगानी है !!
तू है तो मेरी धड़कने आनी - जानी है...
तेरे प्यार में डूबी मेरी हर साँस दीवानी है !!
तेरी रूह से मेरी अब रूह मिल जानी है...
कुछ इस तरह होनी अपनी पूरी कहानी है !!
-Bharti Gupta ✍🏻-
वक्त
बड़ा बेरहम है ये वक्त भी,
परेशानी में ठहर जाता है !!
जरुरत हो जब इसकी तो,
दबे पांव खिसक जाता है !!
-Bharti Gupta ✍️-
रिश्ते और समझौते
हँसना - बोलना तो जैसे दिखावे के रूप होते हैं...
पर कभी - कभी ये दिखावे भी बड़े झूठ होते हैं !!
बेशक समक्ष एक - दूसरे के निराले खेल होते हैं...
पर असल में तो दिल में उनके बड़े मैल होते हैं !!
कहने को अक्सर कुछ लोगों से हमारे रिश्ते जरूर होते हैं...
पर सच कहूं तो वो सिर्फ और सिर्फ समझौते होते हैं !!
-Bharti Gupta ✍️-
इत्तेफाक है या सोची समझी चाल है...
आजकल मेरा दिल ही मेरे खिलाफ है !!
-Bharti Gupta ✍️
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केशवानंद भारती का मामला
मामला था साधारण पर निर्णय असाधारण कर दिया...
13 न्यायाधीशों की बेंच ने इसे ऐतिहासिक कर दिया !!
सरकार के मनमाने रवईये पर अच्छे से पानी फेर दिया...
संशोधन की शक्ति को एक सीमा से प्रतिबंधित कर दिया!!
सर्वोच्चता की लड़ाई में जो समझ रहे थे खुद को सर्वोच्च...
मूल ढांचे की अवधारणा ने फिर संविधान को सर्वोच्च कर दिया !!
किये प्रयत्न अनेक संविधान के बुनियादी ढांचे को हिलाने के...
संशोधन भी किए अनेक संविधान के अस्तित्व को मिटाने के !!
भरपाई भी करनी पड़ी न्यायाधीशों को निर्णय सुनाने की...
पर जरूरत थी उस वक्त संरक्षक बन संविधान को बचाने की !!
सरकार के हर गलत प्रहार पर यह निर्णय सामने खड़ा रहा...
और आज तक यह निर्णय संविधान की रक्षा करता रहा !!
-Bharti Gupta ✍️-
आजकल लोग दिल को अपने पत्थर बनाये फिर रहे हैं...
दिल को दिल बनाकर रखना हर किसी के बस की बात नहीं !!
-Bharti Gupta ✍️-
घाव भर रहे हैं या घाव बन रहे हैं...
जो भी है लगाव कम कर रहे हैं !!
-Bharti Gupta ✍️-
ये जमाने की तोहमतों का,
ये अपनों की जहमतों का,
निशाना -ए -तीर दिल पर !!
ये बेगानों की रहमतों का,
ये अनजानों की हसरतों का,
फसाना ए ताना जिंदगी पर !!
-Bharti Gupta ✍️-