मिलो कभी हमसे, और हमारा ख्वाब हो जाओ।
अंधेरों को रोशनी दो, और मेरा आफताब हो जाओ।
उतरो दिल में ऐसे, जैसे आइने में अक्स उतरता है,
तृप्त कर दे जो हमें,अब वो पवित्र आब हो जाओ।
लोग कहते हैं, हम पढ़े नहीं कभी, तो लिखेंगे क्या,
चलो लिखता हूं कुछ,और तुम इश्क़ की किताब हो जाओ।
यूं तो गणित का, इश्क़ से कोई मेल है ही नहीं,
फिर भी चलो मैं नुकसान और तुम लाभ हो जाओ।
तेरे शहर में सुना, अंधेरा बहुत है चांदनी रातों में भी,
जगमगा उठेंगी रातें मेरी, गर तुम मेरे मेहताब हो जाओ।
रूठना तुम मनाएंगे हम, यह खेल भी मंजूर है हमें,
जीतो इश्क़ की बाजियां, और तुम अजिताभ हो जाओ।
यूं तो मेहखानों का रुख, कभी किया ही नहीं,
तूम नजर से पीला दो, और बोतले शराब हो जाओ।
मेरी जान पे मेहरबान और भी है, इक तुम ही नहीं,
डूबा दो आंखो मैं अपनी, और सांसो का सैलाब हो जाओ।
गफलत में है महफिल की, दिल पत्थर का है तेरा,
तुम छनको पायल सी,मेरे दिल का रंगी मिजाज हो जाओ।
मोहब्बत में नाम, तेरा भी चमकेगा सितारों सा इक दिन,
बांहों में बिखरो शीशे सी, और कोहिनूर लाजवाब हो जाओ।
अपने दामन में छुपा कर रखना, दोनों की शर्मो - हय्या,
हमराज बनकर दिल के मेरे, सरगोशी पर हिजाब हो जाओ।-
गुरुर तो ताज का भी टूटा होगा
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है इरादा आज तुझे कुछ इस कदर लिखने का
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अब भला उनकी तारीफ में हम क्या लिखें,
जिन्होंने खुद हमे तारीफ के काबिल बनाया है ...-
हिसाब में तुम पहले ही कच्चे थे..
मैं लाखों सा संवरती थी, तुम चिल्लर में तारीफ करते थे..!-
सज़दा-ए-इश्क़ कर साँसों से रूह तक का सफर करना चाहती हूँ।
एे इश्क़! सफ़र-ए-इश्क़ में तेरी हमसफर बनना चाहती हूँ।-
जब कलम सोच नही..
भूखी वाह वाही को लिखती है,
तब तारीफें छूती नही..
कचोटती है !!-
तेरी तारीफ़....
तू इश्क़ का "पलाश फूल "
पतझड़ में सुर्ख़ रंग बिखेरता है🌺-
जाने क्या सोच कर
चला गया, खाब रोंद कर..
मिले तुम्हे तो पूछना ये,
क्या मिला हमे छोड़ कर..
बाजार में मूल नहीं होता,
चला जाए जिसे कोई तोड़ कर..
ये दुनिया भी गोल नहीं,
आया नहीं कोई भी लोट कर...-
हल्का उसका रंग सांवला पर एक पवित्र मूरत सी है
तितलियों सी नाज़ुक है और परियो जैसी खूबसूरत सी है
वो सीरत से मासूम है उसकी सादगी भी सादा है
उसकी मुस्कान लाजवाब बातूनी भी बहुत ज्यादा है
बेहद खूबसूरत सी है उसकी आखे और उसके बाल
वो खामोश रह कर भी बयान कर देती है अपना सारा हाल
उसकी मुस्कुराहट मेरे लिए लाजमी या यूं कहूं ज़रूरत सी है
मेरे सारे लफ्ज़ अब खत्म है बस वो बहुत खूबसूरत सी है
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