QUOTES ON #तराज़ू

#तराज़ू quotes

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21 JAN 2019 AT 23:23

माज़ी के सफ़हे
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अब सफ़हे माज़ी के पलटे कौन!
गुज़रे लम्हे कौन जिए!
पैबन्द लगा दिल फिर गर फट जाए,
तो मुए को कौन सिये!

माना आपाधापी है,
फिर भी ये नाइंसाफी है
कोई हर पल मरता रहे,
कोई मर मर कर जाय जिए

रखकर इश्क़ तराज़ू में,
जब नशा किया तो तोला था
वफ़ा तो बस थी इक छटाँक भर,
बड़ा सा लेकिन झोला था

कहने वाले कह गए क्या क्या,
हम ढूँढ़ते रह गए क़ाफ़िए
अब सफ़हे माज़ी के पलटे कौन!
गुज़रे लम्हे कौन जिये!

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18 APR 2020 AT 12:29

इश्क भी
बड़ा शातिर है..

दिल के तराज़ू पर
एक पड़ले में वफ़ाएँ
तो दूसरे में जफ़ाएँ
बड़े ही सुकून से
तौलता चला जाता है..

वक्त के खंजर की
पैनी नोंक पर
झूलता डगमगाता तराज़ू
यह तय नहीं कर पाता है
कि वफ़ाएँ भारी हैं या जफ़ाएँ..

जिस दिन
रत्ती भर भी
जफ़ाएँ ज्यादा हुईं
तो समझो मोहब्बत खल्लास!!

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12 MAR 2018 AT 22:11

दौलत का पलड़ा
हर बात पर भारी हो जाता है...
तभी तो तुम पर लुटाया मेरा प्यार,
मुझ पर ख़र्च किये तुम्हारे पैसों से,
हल्का रह ही जाता है...

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23 DEC 2017 AT 1:55

मज़हब के तराज़ू में कभी मोहब्बत को ना तोलना,
मोहब्बत ख़ुदा का रूप है और मज़हब इंसान की देन

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31 AUG 2017 AT 12:23

जिन्दगी इक तराजू है,
न खुशी ही मंजिल इसकी,
न ही गम़ इसका क़फ़न,
यूं ज़ाया न कर भ्रम में इसको,
खोज़ है ख़ुद की ख़ुद तक ही,
ख़ुद से ही शुरु ख़ुद पे ख़त्म,

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1 SEP 2017 AT 10:09

कैसे

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8 JUN 2017 AT 22:21

तुमने तो तराज़ू में तोला था मेरा यह किरदार
मगर दूसरे पलड़े में खुद को क्यों रखना भूल गए

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31 AUG 2017 AT 12:01

ज़िन्दगी के तराज़ू पर

मन के तौले खुशी है

मन के तौले गम

किस्मत का वजन है

किसी को मिले ज्यादा

किसी को कम

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11 JUN 2017 AT 23:52

बेगार की बेगारी कर रही है जिंदगी
अभावों के तराज़ू में इंसानियत का मिज़ाज़ तोल रही है जिंदगी

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20 SEP 2020 AT 20:12

ये मेरे अश्क़ मेरी बेज़ुबानी की ज़ुबाँ बोलें
जिन्हें मैं खोल ना पाऊँ ये ऐसी हर गिरह खोलें

हो बैठे चोट खाये इस ज़ुबाँ की बदज़ुबानी से
यही होता है जो भूलें कि पहले तोल कर बोलें

बड़ी मासूमियत से वो हैं देते ज़ख़्म को मरहम
मगर देने से पहले मरहमों में वो नमक घोलें

कभी तो आएगा वो दिन कि वो हों जान महफ़िल की
इसी ख़्वाहिश के चलते जो सभी चाहें, ये वो बोलें

तुम्हारे लफ्ज़ की चिकनाई' पे कितने ही दिल फिसले
मगर हम तो तराज़ू अक्ल का रखें, वज़न तोलें

नज़र मिलते ही जो आकर गले लग जाते थे वो अब
करें ताक़ीद दो गज़ से ज़रा ये हाथ हम धो लें

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