चलो अब गले मिलते हैं
फासलों को मिटा देते हैं,
चलते हुए रास्ते में कोई ढाबा मिले
तो एक कप चाय पी लेते हैं।-
अपनी मोहब्बत को यूंही थोड़े भूलूंगा ,
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गंगा किनारे तेरे नाम का ढाबा खोलूँगा..! ❣️-
सिर्फ बाबा का ढाबा ही क्यों काश लोग उन्हीं की तरह अपने आसपास के ऐसे लोगों की मदद करें तो भी कई लोगों की समस्या हल हो सकती हैं
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चल जा सनम तू उसके साथ
तुझे रोक नहीं सकता बाबा
प्यार को बेकार नहीं होने दूंगा
तेरे नाम का खोलूंगा ढाबा-
19.05.2019 Time 10.51 AM
तुम आओ तो नई जिंदगी की शुरुआत करते है
वरना चाय,काॅफी, तंदूरी रोटी तो रोज खाते है
जब भी दोस्तो से , ढाबे पर मुलाकात करते है ।।
-भगवान राजपुरोहित-
"अधूरा ख्वाब"
ज्यादा ख्वाब नही मेरे क्यू की अच्छी और गहरी नींद सोता हु,ज्यादा सोचता नही बस जीता चला जाता हु
हा पर कुछ कुछ सोचा हे जिंदगी में की कुछ न हुआ तो
कुछ हे, कम से कम वो तो होना ही चाहिए,जिसमे से एक ख्वाब हे,एक अनजान हाईवे पर एक ठीक ठाक बड़ा सा मैदान हो, उसमे थोड़ा कच्चा पक्का झोपड़ी आकार का ढाबा,जिसके गल्ले पर लालटेन लटकती हो,
मिट्टी का चुला हो, ज्यादा कुछ न हो मेनू में बस जाड़ी मारवाड़ी रोटी, दाल तड़का, दाल मखनी, दाल फ्राई, पापड़,गोल कटे प्याज, आचार, मिर्ची, छास, 15 _20 खटिया लगी हो, पुराना सा रेडियो टंगा हो,जिसमे सारे पुराने गाने बज रहे हो। लोगो की बहुत ज्यादा भीड़ न हो पर पूरी तरह खाली भी न हो, शांति पसंद लोग हो, हसी हो खुशी हो, किसी के पास पैसे हो तो वो पैसे चुका दे,किसी के पास पैसे न हो तो न चुकाए, किसी को खाना खा उस खटिया पर ही कुछ देर आराम करना हो करे रात बितानी हो बिताए, जब दिल और पेट भर जाए तब अपनी अपनी मंजिल को चले जाए, कई अलग अलग लोगो से मिलना हो,दूर देश शहर गांव कस्बे के लोग आए अपनी अपनी बाते बताए, कुछ अपनी कहे, ( अगर में उन्हें बोलने का मोका दू तो)
कुछ मेरी सुने, ओर जिंदगी बढ़िया बीत जाए, बाकी कट तो अब भी रही हे
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जितनी अच्छाई लोग #बाबा_का_ढाबा बचाने में दिखा रहे हैं, उतनी ईमानदारी अगर टैक्स चुकाने में दिखाएँ, तो भारत कहाँ से कहाँ पहुँच जाए!
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