सुनो तुम्हारी बाते कर रहा, अच्छी हो, प्यारी सी मंदबुद्धि सी, हर बात समझाना पड़ता है। मेरी किसी भी मजाक पर तेरा मुँह फुलाके बैठना पसंद मुझे बस तेरी नाराजगी नही, तेरे गैर लोगो से बात करना पसंद नही मुझे क्योकि तुम्हे खोने से डरता हूं। तेरी बचकानी हंसी, तेरे बेसुरे गाने सब पसंद उससे भी ज्यादा तुम पसंद। तेरा चुप बेशरम बोलना, जाओ बात नहीं करूँगी, सब मेरी ही गलती है, ये सब मुझे खुशी देती लेकिन मैं कभी नहीं चाहूँगा कि मेरी वज़ह से तुम्हें कुछ हो। तेरे आंखे, बाल, होंठ, चेहरे, तिल तेरे पैर हाथ सब अच्छे है बस थोड़ा सा दिमाग होता तो अच्छा होता मेरी बात समझ पाती। खैर इतना बोलना सही रहेगा की नही पता नही लेकिन आजकल दोस्ती खुद हो जाती है, और प्यार सम्भाल के करना पड़ता है, अब सब तुम्हारे हवाले है। ज्यादा लिखूंगा तो सबको खबर हो जायेगी बाकी अब तुम देख लो ❤️🌻
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