सुनो ....
कपड़े पहन लो अब तुम,
मेरा प्यार खत्म हो गया है!!-
मैंने अपने जिस्म से सौदा किया,
पर कभी खुद की पेट भरने के लिए ,
तो कभी किसी अपने के द्वारा बेचे जाने पर।
क्या मेरा हक़ नहीं घर बसाने का?
अपना जीवन संवारने का ?
तुम मुझे क्या दिन में राह चलते गाली
देते हो। मै तुम्हे धिकारती हूं।
चलो माना मेरा यही अस्तित्व है,
पर तुम्हारा तो वो भी नहीं है।
खुद को शरीफ और इज्ज़तदार
पुरुष बोलते हो !
तुम्हारा अस्तित्व रात के अंधेरों
में गलियों के बीच पता चलता है।
तवायफ बुलाते हो मुझे,
मैंने यहां किसी का किरदार
ईमानदार नहीं देखा।
फिर तवायफ को ही सब
क्यों बदनाम करते है।-
औरतों को कोठे की जिल्लत बनने वाले
महान पुरुष जरा एक बार सोचो !
कितना बेबस होता होगा ,
वो जिस्म जिसे बिना मोहब्ब्त के
सिर्फ अपनी प्यास बुझाने के लिए
छुआ जाता हैं ।-
प्यार है, प्यार है, प्यार है,
अरे क्या बकवास करते हों ,जनाब
प्यार तोह कबका दफन हो चुका है
जिस्मों की चीख में....-
किस्म किस्म का बिकता है,
दुनियां में एक बाज़ार,
जिस्म का भी सजता है।-
~कहाँ चलता है आजकल का प्यार वर्षो तक..
एक महीने में मिटा के जिस्म की प्यास मुँह फेर लेते है…😶🫂-
जो रूह मिलायी होती तो आज तू मेरी होती,
पर तू तो जिस्म से मिलकर रेत सी फिसल गयी।-
कहने को हैं,लोग सादगी पर मरते हैं,
यार सब कितने झूठे अल्फाज लिखते हैं..!!
यूं ही नहीं औरतों को तवायफ और यहां कोठे बनते हैं,
और ये खुद को मर्द कहते है जो औरतों को बेवफा बोलते है..!!
-
लोग प्यार करते हैं जिस्म की भूख मिटाने के लिए
और कहते हैं दुनिया प्यार करने वालों से नफ़रत करती हैं-
कोई आए नोचे जाए क्या फर्क पड़ता है
बस जिस्म ही तो है साहब
आत्मा का भला सौदा होता है।।-