वो काली कुर्ती मैं मानो जैसे Black label की bottel हो, वो जब चलती है तो मानो जैसे 12 bore हो, वो बोले तो मानो जैसे शहद की बारिश हो, वो मुस्कराए तो मानो जैसे खिलता गुलाब हो, वो खुली जुल्फो में मानो जैसे स्वर्ग से उतरी अप्सरा हो.....
अपना हाल-ए-दिल मैं कुछ यू बया करता हूं, कलम की स्याही से पन्ने रंग देता हूं.. फिर चाहे कोई मेरे हाल-ए-दिल को शायरी कहे मुझे परवाह नही.. दर्द तो तब होता है जब कोई वाह वाह करता है...