उसको चाहना और चाहते रहना मेरी आदत में शुमार था,
उसका बनता था कि वो मुझे नजरअंदाज करे...-
Beimaan_manzil name se page ... read more
खूबसूरत एहसास हूँ मैं चंद पलों का
तुम क्यूँ मुझे ताउम्र के लिए अपना
एहसास बनाना चाहते हो
मेरा वज़ूद साँझ के उजाले जैसा है
तुम सुबह के उजाले जैसी क्यूँ अपने पर
मेरा एहसान कराना चाहते हो
खूबसूरत एहसास हूँ मैं चंद पलों का... — % &-
Hii friends.. Maine likhna nhi बंद किया.. Pr यहा mujse recharge करवाया ना गया.. Isly Instagram pr hi लिखने lg गया हूँ..
Beimaan_manzil name se I'd h to please जो भी मेरी profile पर मेरे जानकारी वाला आया.. Follow ना krna पर बात जरूर krna... Thank you-
ना जानते हक़ीक़त अपने परायों की तो अच्छा था
खामखा ही अपनों पर यक़ीन करना मुश्किल हो रहा है-
पता नहीं कैसे बसर करता होगा वो जिंदगी अब
चेहरे से नूर गायब हो जाता था जिसका कभी मेरे रूठने से-
जिसका दिल से किया उसने ही हकीकत से रूबरू करा दिया
कैसे मान लूँ की पराये लोग मेरे ज़ज्बात समझेंगें-
मैं अक्सर ठहर जाता हूँ टूटे हुए लोगों की दहलीज पर
ये जानने के लिए की वफ़ा का अंजाम यही क्यूँ होता है-
मैं लोगों को इसलिए मैसेज करता हूँ
कि वो मेरे याद रहें वरना मेरी
कमजोरी है दोस्तों मैं जिसे
भूल जाता हूँ फिर भूल ही जाता हूँ-
एक अननोन लड़की मुझे फॉलो करतीं हैं
हर एक कॉमेंट, पोस्ट लाइक करती हैं
बाते तो वो करना चाहतीं है फिर भी पता नहीं
किस बात से डरती हैं-
वो कहती हैं तेरी शायरी तुझपर अच्छी नहीं लगती
जिससे लिखता है तू वो क़लम तोड़ दे
अभी हुआ ही क्या है जो तू शायर बन गया
ज़माने को देख ये फकीरों वाली ज़िंदगी छोड़ दे
मैंने कहा तोड़ दूँगा क़लम और छोड़ दूँगा शायरी
जो बहाऐ हैं आँसू तेरी याद में उन आंसुओ की कीमत मोड़ दे
ये शायरी ही तो मेरी पहचान है एक अर्से से
कैसे तेरे कहने मात्र से लिखना छोड़ दे-