आदतन वो मुझपे गुस्सा करता है
मगर उसे मुहब्बत मुझसे बेशुमार है।।-
जो मस्तिष्क को स्थिरता देता है!!
( तीन किताबें जो हमने लिख... read more
भोरे भोरे अरघ देने
वो अस्सीघाट मैं बन जाऊं,
थाल, कपूर, शंख, मृदंग
वो महाआरती मैं कहलाऊं।।
हर हर महादेव का हो गूंज
कि प्रलय को मैं टरकाऊं
गंगा की प्रवाह के साथ मणिकर्णिका घाट मैं कहलाऊं....-
हम आज़ादी के दीवाने
है हमारे कितने फसाने
कभी देश पर मर मिटने का जज़्बा रखते
कभी देश में कमियां गिनाने लगते।।
हम आज़ादी के दीवाने
हमारे लिए तिरंगा सबसे आगे
तो कभी उसके अपमान में पिछे नहीं रहते
हम आज़ादी के दीवाने
ख़ुद के सिवाय सबमें कमियां निकालते
बात जब देश की हो तो कभी शीश भी झुकाते
तो कभी उसी देश में देश की मिट्टी पर सवाल उठाते..-
खुद भी खुश रहते हैं और औरों को भी हंसाते है,
ऐसे नहीं बाबू हम बिहारी, बिहारी कहलाते है।।-
मुझे तुमसे, तुम्हारे जैसा इश्क़ करना है
तुमसे कभी कभार मिलना है
जब तुम्हारी याद आए तब तुम्हें महीने में एक बार फोन कर लेना है।।
और इतना ही नहीं,
तुम्हें ये नहीं बताना है कि मुझे तुमसे कितनी मुहब्बत है,
बस मुझे तुमसे, तुम्हारे जैसा इश्क़ करना है।।-
पागल धड़कन पर जोर कहां चलता है
दिलों में आजकल वो शोर कहां चलता है।।
ऐसे तो हज़ारों प्यार में पागल मिल जाएंगे "विभा"
मगर आजकल "लैला-मजनू" जैसा "इश्क़"
कहां चलता है।।-
प्यार हो या हो मुहब्बत,
या हो जाएं किसी से बेइंतहा इश्क़,
तो उसे देना आज़ादी अपने हिसाब से मुहब्बत करने की क्योंकि बंधन प्रेम नहीं होता...-
तुम्हारे पास रह कर तुम्हारे लिए रोने से अच्छा था,
तुम्हारे बिना ही तुम्हारे लिए रो लेती....-
ख़ुदा करें ज़िंदगी में ये मक़ाम आए,
आख़िरी वक्त में भी तेरी ही गली से काम आए
हूं रुख़्सत तेरी झलक देखकर
शरीक मेरे ज़नाजे में तेरी डोली के काम आए...-