जिंदादिल तो वह थी
जिसने खुदकिस्मती को
महसूस तो किया पर
जाहिर न होने दिया कभी.-
किसी के आदर्श
तो किसी की ख्वाईश थे वो...
कलाकार तो उम्दा थे ही
जिंदादिल भी थे वो...
आज उन ख्वाइशों ने भी दम तोड़ दिया,
जो सिर्फ आपसे जुड़ी थी...
चले गए इस जहांन से और हमें तन्हा छोड़ दिया...!!!-
जिंदा दिल रहिए जनाब, ये चेहरे पर उदासी कैसी
वक्त तो बीत ही रहा है,उम्र की ऐसी की तैसी।-
यूं तो हर वक्त मिलता रहा कोई न कोई,
गम ये रहा कि वक्त पर कोई मिल ना सका ।।-
कुछ क़ैद करते है हम, कुछ ख़ु - ब - ख़ुद हो जाता है,
यह चार दिन का जीवन हमसे क्या-क्या करा जाता है।-
ये बढती उम्र तुम्हारा कुछ न बिगाड़ पायेगी
वो तन को झुकायेगी तुम बस मन को जवां रखना-
सोए हुए दिल को जगाते हैं लोग
बुझे हुए दिल को जलाते हैं लोग
हद है कि..........जिंदादिल को भी
मुर्दादिल होने तक आजमाते हैं लोग
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हम उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे
वो अपने लफ्ज़ पर टिके रहे
हमारी एक ना सुने
समय वो भी आयेगा
वो हमे याद करेंगे
बस फर्क यही होगा
तब हम उनसे बोहत दूर जाचुके होंगे
उन्हें गलती का एहसास तो होगा
पर तब सब खत्म हो चुका होगा
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कुछ गुमनाम सी है जिंदगी, मै हैरान सी हूं
थोड़ी नादान सी बन गई, मै कुछ परेशान सी हूं
कुछ तो कसक है दिल में, मै थोड़ी उलझी सी हूं
थोड़ी खुशी तो है दिल में, मै नाराज भी हूं
ना जाने क्यों हो गई बेपरवाह सी हूं
हा इन दिनों में थोड़ी लापरवाह भी हो गई हूं
बेहाल सी हूं इन दिनों कुछ संभली सी भी हूं
हा कहीं तो हूं मै कहा हूं जैसे हवा ही हो गई हूं
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