रोशनी की चाह में, आग लगा बैठे,
हम खुद ही अपने हाथ जला बैठे;
सुकून की तलाश थी दोनों को ही,
जाम और शाम मेरे साथ आ बैठे;
बहुत खामियां निकाली मुझमें ही,
मानो हम ही सारे गुनाह कर बैठे;
और कितना मनाऐ तुझे ऐ सितमगर,
अब तो हम खुद ही से रूठ बैठे;
मुझे तो अपनो के साथ चलना है,
वो कोई और थे जो आगे दौड़ बैठे;
उठो, चलो भी, अब आगे बढ़ो,
हद है, तुम तो हौंसला गवां बैठे !!-
उतार लेता हूं कागज़ पर जज़्बात अपने ।।
Undercover writer 😎📝
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रूह उसकी कुछ यूं पाक सी है,
छू लूं जो पांव उसके,
तो खुद को मुकम्मल समझूं ।।-
जितना आसान
स्त्री पर व्यंग्य कसना या उपहास उड़ाना है,
उतना ही मुश्किल एक स्त्री होना है;
और
जितना आसान
पुरुष को अभद्र कहना या कठोरता से तुलना करना है,
उतना ही मुश्किल एक पुरुष होना है ।-
I want to dip my tongue in your taste,
as you wrap me with your legs
around my waist,
We both race to keep pace,
As I trace your spine
You beg when I pause
As your master, I welcome my slave,
As I drown in your embrace,
Your curves seduce me
Making you wet like summer rain,
Moving together in the same rhythm
making you want more
We both love our moves and you love this pain !!
Little longer,
Little harder !!-
मेरे अल्फ़ाज़ भी मेरी मोहब्बत की तरह आज़ाद हैं,
मोहताज नहीं वो तेरी तारीफों के ।।-
काश के तुम लिखना छोड़ कर पढ़ भी पाते,
तो शायद मुझे भी समझ पाते !!
काश के तुम अपनी कलम से अलग हो पाते,
तो शायद कुछ हसीन लम्हें हम संग बिताते !!
काश के तुम कभी पन्नों की आवाज़ से निकल पाते,
तो शायद मेरी भी चिख सुन पाते !!
माना के तुम्हारा हर अल्फाज़ है मोहब्बत के नाम,
काश के तुम मोहब्बत पर लिखना छोड़ हकीकत में उसे कर पाते !!
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Country brought them together
but politicians drove them apart
for votes.-
"चलो जो हुआ सो हुआ ,
सब भूल कर एक नयी शुरूआत करते हैं ।।"
ऐसा करना भी किसी धोखे से कम नहीं ।।-
इश्क के मामले में मैं कच्चा निकला;
एक शक्स ओर तोड़ चला मुझे,
जाहिर है, मैं हद से ज्यादा सच्चा निकला ।।-