तुम नमक तैयार रखना।
हम जख्मों को कुरेद रहे हैं।।-
यूँ ही तो नहीं होता कुछ भी,
कुछ होने से कुछ होता है..!
ये सब ख़्वाहिश के जलवे हैं,
कोई पाता कोई खोता है..!
सिद्धार्थ मिश्र
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कितने पैवस्त है ये चहरे,
और तेरे चहरे में मोल - भाव
कितने फरोख्त है ये जलवे,
तेरे जलवे में पोल - दाव
जुर्रत - ए - नज़र को बेशक
हम भी सराहते ए हुज़ूर
पर
कितने पाबंद है ये पहरे,
और तेरे पहरे में झोल - ताव..!-
माना कि हम खूबसूरत नहीं है,,
पर क्या करे जलवे है हमारे यहां ।।-
सितारों का आसमां ,तेरे आने से सर झुकाता है,
तेरी खूबसूरती से सारा शहर झंझमाता है।
मत पूंछ हाल दीवानों का मुझसे,
तू गली से निकले तो सारा मोहल्ला छत पे आता है।
और अजब है तेरा जलवा 'ज़ालिम',
तू जो हंस दे तो सारा जहां जगमगाता है।-
दिखायेंगे दिखायेंगे
जलवे हम भी दिखायेंगे
जरा यहां बिकते हुए
हुनर की कीमत तो पता लगने दो,,,,,-
सीने में उनके जलवे, छूपाए हुए तो हैं
हम अपने दिल को तूर बनाए हुए तो हैं
मजाज़-
दंग हैं सब देखकर सूर्य देव के जलवे,
शाम के 5.30 का वक्त... और तापमान 45 है..
इंसान तो क्या परिंदा भी नहीं दे रहा दिखाई है....-