!! राम गीत !!
कोर्ट तक घसीटे गए और हर चुनाव में भूने गए।
राम टाट में ही पड़े रहे और कई शासन चुने गए।
(अनुशीर्षक में पूरा पढ़े)
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अयोध्या में आपका मंदिर बनेगा राम
अब इतना हो जाये की
आप जैसे गुण भी सब में आ जाये राम-
कोना कोना गूंज उठा है, राम नाम के नारों से
कर्ण पट सब खुल गए, श्री राम प्रभु के जयकारों से
कलयुग का वनवास ख़तम, अब राम लला जी आए हैं
पांव पख़ारो श्री राम प्रभु के सरयू के जलधारों से
चमक उठी है अयोध्या नगरी, दीपों के उजियारों से
सजे हैं सरयू घाट भी सारे, भगवा के फव्वारों से
नयना उत्सुक, तन मन हर्षित, राम राज के गानों से
स्वागत करता देवलोक भी फूलों की बौछारों से..!!
।। जय श्री राम ।।-
बिसरी संस्कृति पुनः स्थपित होगी,
सुनिश्चित लक्ष्य का मुझे अभिमान है,
कर्म पथ पर उन्हें बाधित करेगा कौन,
जिनके रक्षक स्वयं पुरुषोत्तम श्रीराम हैं ।।
जय श्री राम 🙏🙏-
अगर रावण का जन्म हुआ है,
तो श्री राम जी अवश्य होंगे...
दुष्ट की लंका को जलाने के लिए,
हनुमान भी अवश्य होंगे...
जब छल से करेगा जब दुष्ट सीता माँ का हरण,
तो धनुष लेकर उसका वध करने के लिए
श्री राम भी अवश्य होंगे...
अग्नि परीक्षे देने के बाद भी
जब प्रजा करेगी सीता माता से प्रशन,
तो उत्तर देने के लिए लव कुश की अवश्य होगी...-
(🚩विक्रम संवत् मनायेंगे🚩)
यह कैसा नववर्ष आया हैं, जब सूरज भी शरमाया है,,
कांप रहा जनमानस सारा, अंधकार बस छाया है।
नव नूतन है कुछ भी नहीं, बस दुखद आगमन पाया हैं।
बस्ती, गलियों में सब सुना, मौसम ने ठंड बढ़ाया हैं।।
ये हवा पश्चिमी जान गये, हम अपना नववर्ष सजाएंगे,,
हम आर्यवर्त के वासी हैं, विक्रम संवत् मनाएंगे।
सत्य सनातन ध्वजा लिए, जब मास चैत्र दिन आएंगे।
मनभावन मौसम के संग, वृक्षो पर कोपल खिल आएंगे।।
हर जनमानस के भीतर एक नई उमंग हम पाएँगे,
दुल्हन बनी तब धरती से तब खेतों में रौनक आएंगे।
राम नाम के संग नव नूतन दिन तब आएंगे,
हम आर्यवर्त के वासी हैं, विक्रम संवत् मनायेंगे।।
तब अपने संस्कृति से हम गौरवान्वित हो जाएंगे,
हम आर्यवर्त के वासी हैं, विक्रम संवत् मनायेंगे।।
(चन्दन राय"छोटु")-