Shilpa Mishra   (Shilpa Mishra✍️)
1.7k Followers · 65 Following

माता कहाँ तुझसे छुपी, मेरे हृदय की कामना बोले बिना करती मनोरथ पूरण तू मनभावना🌺
Joined 27 January 2020


माता कहाँ तुझसे छुपी, मेरे हृदय की कामना बोले बिना करती मनोरथ पूरण तू मनभावना🌺
Joined 27 January 2020
11 APR AT 12:32

हैप्पी new ईयर 2081

हैप्पी बड्डे टू मी 🥸🎂

-


24 MAR AT 16:36

कठिन बहुत है त्योहारों में
यूँ खुद को समझाना अम्मा
इस बार भी मुश्किल है मेरा
होली पर घर आना अम्मा..

द्वार आँगन की तस्वीरों को ही
खींच कर भिजवा देना माँ
फागगीत औ ढोलक मंजिरें की
रिकॉर्डिंग ही सुनवा देना अम्मा

कहीं खोजना मिल जायेगी
मेरी वहीं पुरानी रखी पिचकारी
दे देना किसी गरीब बच्चे को
माँ पूरी कर देना उसकी तैयारी

सूना बहुत लगता है ये शहर
फिर भी खुद को समझाऊंगा
गला भर आया काटता हूँ फोन
अब काम पर वापस जाऊँगा!!

-


29 DEC 2023 AT 0:00

रास्ता हम बदल नहीं पायें,
ख़ुद से बाहर निकल नहीं पायें।
नये साल का आरम्भ कैसे करें ,
दिसंबर से ही बिछड़ नहीं पायें।

-


11 APR 2023 AT 22:24

Thanks

-


20 MAR 2023 AT 22:30

सूरज उतरा साँझ उतरी संग नाव सभी पतवार उतरे
बहुत चाहा उतर ना पाया, जहाँ सब इतनी बार उतरे
बदहवास, लेकर दर्द आँखों, में खड़ा रह गया किनारे
आओ लौट आओ उदास शाम है माँग रहें अश्रु सहारे

-


28 FEB 2023 AT 13:42

मेरे साथ बैठकर गुजारी थी
तुमने अपनी शाम सुहानी।
हर आँसू को गंगाजल करके
सुनाई थी अपनी रामकहानी।

क्या एक बार मेरे आँसुओ की भी,
तुम सुन पाओगे बदनाम कहानी।

वादा किया कभी सिंदूरी शाम से,
संवारोगे इन्हें तुम अपनी माँग में।
तुम चाहतका शीशमहल लेते आना,
हम लाएंगे अरमानों की सिंदूरदानी।

क्या कभी इस यादों के शहर में आके,
बचा पाओगे नीलाम हो रही राजधानी।

ऑंखें अब भी छलकती झाँक रहीं,
उस बेनाम कहानी को तलाश रहीं।
उनकी पीड़ाओ को आके सुन लेना,
इससे पहले हो जाये वो आम कहानी।
Shilpa Mishra

-


10 FEB 2023 AT 18:57

हम अमूक लाचार ही सही
हमसे थोड़ा तो प्यार कर लो
घनघोर मेह बरसने वाला है
कोई तो जाके माँ से कह दो

कंटक पथरीली राहो में
कई दिनों से भटक गया हूँ
उम्मीद की कोई किरण नहीं है
जाने कितना उलझ गया हूँ।।

दर्द से भरी राजधानी लबालब
द्रविति ह्रदय में लिए बैठा हूँ
रुदन भरे गले से ओ माई
देख गंगाजल छलका रहा हूँ।

धूल जायेगा आहो का उपवन
क्या अब तू भी जाएगी भूल
नहीं बचा पायेगी मुनमुन को
आसमां के तारों ने लिया कुबूल।
Shilpa Mishra

-


17 DEC 2022 AT 21:56

तुमसे मेरा रिश्ता, बहुत ही पुराना था,
इस तरह छोड़कर तुम्हें, नहीं जाना थ।
आजकल अकेले ही सुनाते हैं वो कहानी
जिस कहानी में तुम्हें मेरा साथ निभाना था।

तुम्हारे ख़्वाबों के शहर ने तोड़ दिया भ्रम,
अपने गाँव की ओर लौट आये वापस हम,
चोट खाकर दूर हुए, तो ये पता चला हमें
कितना जरुरी तुमसे मेरा दूर जाना था।

हो सके, तुम अपने सपनों को वापस ले लो
सहमे हुए सूने, नयनों को अकेले रो लेने दो
अब तो बाजार में बिखरे पड़े हैं वो लाल रंग।
जिन्हें,तुम्हारी माँग में सिंदूर बनाकर सजाना था।

-


14 DEC 2022 AT 9:52

Nojoto..Your Quote से ज्यादा लुल्ल
sorry लाल है 🙂🤣

-


12 DEC 2022 AT 18:30

Shilpa Mishra

-


Fetching Shilpa Mishra Quotes