"मै एक किसान हूं"
बातें तो बहुत है जहन में
सुनाऊं तो किसे सुनाऊं
मै एक किसान हूं!
हर एक बात तबा दी जाती है
देश कि कानून वयवस्था हो या सरकार
मै एक किसान हूं!
कड़कड़ाती धूप हो या सर्दी
सबकी जरूरत मंद पूरी करता हूं
मै एक किसान हूं!
ना कोई त्यौहार ना हो छुट्टी
हर एक दिन वहीं खेत और खलिहान
मै एक किसान हूं!
हमें भी अपने जैसा समझो
क्योंकि हमारे भी दो छोटे छोटे बच्चें
मै एक किसान हूं!
-nitish choudhary
-
खून तो बहा है अपनो का अपनो के लिए ही,
हम उनका उपकार तो चूका नही सकते,
कम से कम खुद कुछ गलत ना करके,
अपने देश के अंदर तो सुकून फैला सकते है
बाहरी दुश्मनो से तो बचा ही रहे है वो जवान
हम खुद अपने दुश्मन होने से बचा सकते है,
बाहर से तो देश हो चूका कब का आजाद,
हम मिलकर देश को अंदर से तो
आजाद करा ही सकते है,
हम सच मे पूर्णतः स्वतंत्र होकर,
बिना किसी शंका के स्वतंत्रता दिवस मना सकते है।।-
हक के लिए कंपकंपाती ठंड में
सड़कों पर किसान!
आईटि_सेल सोसिआल मिडिया पर
करें उन्हें बदनाम!
किसानों को भारत सरकार कर ले
MSP से सम्मान!
तब तो भारत विश्वगुरू कहलाएगा,
जय जवान जय किसान!-
भारत माता की जय जयकार करने वाले #जय_ज़बान #जय_किसान के भी अहमियत को समझे और #FarmersProtest के उलझनें को सुलझानें में मदत करें!
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
रे दम्भी अभिमानी सुन ले,
हम किसान हैं देश प्रधान।
हमसे तू है दल तेरा है,
जनतंत्र के जन हैं तू ले जान।
तेरे मंत्री कहते हमको,
ये आतंकी हैं नहीं किसान।
विपक्ष में थे जब तुम सारे,
बतलाते थे हमे देश की शान।
अरे शर्म कर ले अभिमानी,
तू बिका हुआ है अब ले मान।
अब बात हमारी पगड़ी की है,
देखेगा किस मिट्टी के हम किसान।-
निनाण से आज पूरा राजस्थान लड़ रहा हैं...
याद रहे हमे खरपतवार से लड़ना हैं,
बाजरी, मूंग, मोठ व तिल से नहीं..!
इनके साथ भेदभाव न करें,
इनसे लड़ने की जो ढाल हैं..जैसे कसी, फाड़ा, बांस इनका सम्मान करें।
कसी में फाड़ी मजबूती से लगाए।..
बांस लम्बा ओर मजबूत रखें....
"इन सब का रखेंगे ख़याल तो, निनाण से जीतेंगे हर हाल"-
उस प्यासी धरती से पूछो क्या होता है बारिस का इंतजार,
दरार पड़ गए जिसके सीने में दूसरों का पेट भरते-भरते।।
उस किसान से पूछो क्या होता है बारिस का इंतजार,
जो महीनों सींचता धरती को पसीने से,
जो आस लगाए निहारता क्षितिज में की कब बारिस की बूंदे गिरेगी उसके जमीं में और कब उसकी मेहनत खिलेगी धरती से।।
बारिस का इंतजार तो हम सब करते लेकिन हमसे ज्यादा हक़ है उस हलधर का बूंदों पे।।
-
किसान की सोच और समझ ,
इस दुनिया में सबसे ऊँची है
वो अपनी जगह में पशु पक्षियों को भी जगह देता है
और खुश रहता है-