इक ज़ख़्मी परिन्दे की तरह जाल में हम हैं
ऐ इश्क़ अभी तक तेरे जंजाल में हम हैं-
तू तो सो गया मौत की नींद होकर आजाद इस सच झूठ फ़रेब और जिंदगी- मौत के जंजाल से...
फुर्सत मिले तो कभी आकर देखना क्या हालत हो गई है तेरे चाहनेवालों की तेरे बेवक़्त के इंतकाल से...-
एक पल सूरज
अगले पल चाँद होता है,
मन के अंदर
ख़यालो का जंजाल होता है।-
एक जंजाल खुद की बातों का
खुद भुला कर देखते है
ख़ुदी में डूबी आवाज़ को चलो
खुद ही उठा कर देखते है-
दर्द-ए-दिल है, या है जी का ये जंजाल कोई,
बयाँ करो तो है मुश्किल, न करो तो मुश्किल...-
क्या, प्यार का बिगुल बजा के दिखाऊं,
इश्क है, तमाशा थोड़ी, जो सबको करके दिखाऊं,
सुनो, वक़्त काफी गया तुम्हें समझने और समझाने में,
अच्छा बताओ और कितना वक़्त लगेगा इस दिल से जाने में,-
जो टमाटर कल तक था हरा , वो आज लाल हो गया है,,
जिस मोहब्बत को मै कहता था अपना जिंदगी,आज वो ही मेरे लिए जी का जंजाल हो गया है।।-
प्रेम से देखो दुनिया तो,
ये दुनिया कमाल है,,
मगर नफ़रत आ जाए जिंदगी में,
तो स्वयं जिंदगी ही बन जाता जंजाल है।।-
इस मोह माया के जाल में मनुष्य खुद से हार गया है
खुद के बनाये जंजालो में खुद ही खुद को मार गया है-
प्यार के जंजाल में हर एक उलझता है,
कभी अपनों को गैर कभी गैरो को अपना समझता है..!-