QUOTES ON #चूडियाँ

#चूडियाँ quotes

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15 MAY 2020 AT 23:29

मजबूरियाँ
मुफ़लिसी की थी गहरी
रुक ना पाए
थकते कदम उसके
किसी भी पल
छौने को लिए संग
चली कर अनमना मन
बंधी थी वो ममता से
मिटाने भूख बिलखते बचपन की
धूप की तपन में भीगती
मगर न रखती कोई शिकन
रंगीन चुड़ियों की मनिहारिन
खुद जीती रंगहीन जीवन....

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14 OCT 2019 AT 18:42

सोचती हूँ मैं....
कितने
भाग्यशाली,
हो ना तुम,
तुमने चूड़ियाँ
थोड़े ही
पहन रखी हैं,
फिर भी....
मेरे हाथों में
चूड़ियाँ होंगी,
या नहीं
इसका निर्धारण
भी तुम
करते हो।

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5 FEB 2020 AT 22:09

कांच सी नाजुक रंग बिरंगी
टूटती बिखरती, बिखर कर सवरती
ढलती किसी भी रूप में
ये जिंदगी भी ना चूड़ियों की तरह होती है।।

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11 OCT 2020 AT 23:33

मेरे हाथों में
कुछ चूडियाँ हैं_
कांच की
बहोत खूबसूरत,
और मुझसे भी कहीं अधिक
मुझे आज़ाद करने को बेताब।

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30 AUG 2019 AT 14:22

तेरी मेरी इन मुलाकातों में,
तुझसे मिलकर ये चूड़ियाँ,
यूँही तो नहीं खनक जाती!

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11 NOV 2021 AT 17:36

चूड़ियों के तो अनेक रंग हैं लेकिन
मेरा दिल इन लाल चूड़ियों पर अटका है।

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5 MAY 2021 AT 14:36

श्रृंगारदान में रखी हरी चूडियाँ
आज भी मुझे पुकारती हैं
सूनी कलाईयाँ देख फुसफुसाती हैं
पहनो ना मुझको ,मुझे मनाती है
सोचती हूँ आज पहनूँ इन्हें
क्या इन की खनक की आहट से
तुम मुझ से मिलने आओगे........

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19 JAN 2019 AT 21:02

भी अग़र निभाई जाती एक रश्म,
कितना आसान होता फिर चूड़ियाँ तोड़ बेवा हो जाना।

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19 OCT 2019 AT 14:18

पुरूषों को इससे तौलो मत,
श्रृंगार स्त्री का रहने दो।
पति से इसको जोड़ो मत,
इसको हाथों में सजने दो।
इसको अर्थों में बांधों मत,
चूड़ी को चूड़ी रहने दो।।
(पूरी रचना अनुशीर्षक में)

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14 OCT 2018 AT 22:14

यूं तो महकता है गजरा आज भी बालो में
तुम एक फूल गुलाब का लगाते
तो कुछ और बात होती

यूं तो खनकती है चूडियाँ आज भी हाथों में
तुम खुद कंगन पहनाते
तो कुछ और बात होती

यूं तो सजती है करधनी आज भी कमर पर
तुम बाँहे कमर से लिपटाते
तो कुछ और बात होती

यूं तो छनकती है पायल आज भी पैरो में
तुम आकर चुपके से पहनाते
तो कुछ और बात होती
(माधवी श्रीवास्तव )

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