जितने भी इल्ज़ाम हैं अपने सर कर जाऊँगा
जिस दिन भी तेरे दिल में मैं घर कर जाऊँगा
तू अब मुझे चाहे ना चाहे तेरी ख़ुद की मर्ज़ी है
साथ जीकर जाऊँगा या फ़िर मर कर जाऊँगा
बहुत मश़हूर इक दिन हमारी ये कहानी होगी
जितने भी ज़ख्म हैं उन्हें साथ लेकर जाऊँगा
दूर जाने में मुझे उस दिन बहुत आसानी होगी
तेरी मुस्कान मैं सबके लिए ज़हर कर जाऊँगा
इश़्क अगर नाम है बिछड़ कर मिलने का लोगों
अपने इश़्क के नाम परियों के पर कर जाऊँगा
जहाँ ज़रूरी था बोलना तुम वहाँ हमेश़ा चुप रहे
सिर्फ़ एक बार बोलूँगा और असर कर जाऊँगा
किसी दौलत,शोहरत का मोहताज नहीं "आरिफ़"
तेरे नाम अपनी ज़िन्दगी और ज़र कर जाऊँगा
"कोरे काग़ज़" पर तेरी तस्वीर बना लूँगा ज़ालिम
जाऊँगा उसमें अपने प्यार का रंग भरकर जाऊँगा-
3 JUL 2019 AT 20:51
26 SEP 2019 AT 20:06
हाँ हम कुछ सोचकर चुप रहे
हर दुख हँस कर सह लिया
उफ्फ तक ना किया
अपनी किस्मत समझ कर
ज़िन्दगी के हर दर्द को सह लिया
बस हम ख़ामोश रहे
-
9 MAR 2018 AT 1:28
मेरी वो चुप्पी मुझे अपने हर बयान से प्यारी है
जो तेरे होंठों ने मेरे होंठों पर हर रोज़ उतारी है..🙈-
10 JUN 2020 AT 18:17
खड़ा हूं उसी मोड़ पर , मैं वापिस लौटा नहीं !
पहले कहा चुप रहो , फिर पुकारा भी नहीं !-
21 FEB 2018 AT 18:50
तेरा चुप रहना ही सब कुछ कह गया
सागर जैसी आँखों से प्रेम मोती बन बह गया-
17 NOV 2019 AT 20:38
अजीब सी सज़ा देकर बैठे हो
चुप बैठे हो
तुम्हें अच्छा नहीं लगता अगर हमसे बात करना
तो इतने भी क्यों क़रीब बैठे हो-
15 AUG 2020 AT 9:13
"उसने तुम्हें कुत्ता कहा।"
"तो?"
"तो तुमने कुछ कहा क्यों नहीं?"
"मैं मानव हूँ इसीलिये चुप रहा। कुत्ता होता तो ज़रूर भौंकता।"-