हैं दर्द बहुत दिल में मैं कह नहीं सकता,
ज़ज्बात में तेरे अब मैं बह नहीं सकता,
पहले थी कुछ और अब कुछ और बात है,
ऐसा नहीं है बिन तेरे मैं रह नहीं सकता,
इन्सान हूँ इन्सान की फ़ितरत तो रहेगी,
ऐसा नहीं कि मैं किसी से लड़ नहीं सकता,
कुछ ग़म के थपेड़ों ने मेरे तोड़ दिये पर,
ऐसा भी नहीं है कि मैं उड़ नहीं सकता,
दिल तोड़ मेरा तुझको तसल्ली हुई होगी,
ऐसा नहीं है बिन तेरे मैं जी नहीं सकता,
य़ह सोच तन्हा मोड़ पे यूँ छोड़ा अकेला,
"चन्दन" तुम्हारे बिन सुगन्धित हो नहीं सकता...
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न जाने ऐसी सुरभि किस सुमन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है
क्या अगर से आती है, या चंदन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है
बुझती है जब प्यास, या जलन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है
विष है या अमृत है, देह मंथन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है
सावन सी प्यासी है जो, उस यौवन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है
कस्तूरी का संधान करे जो, उस हिरन से आती है
एक अलग सी खुश्बू तेरे बदन से आती है-
जैसे होता है नमक समुंदर में
वैसे ही तुम हो
जैसे होती हैं साँसें धड़कन में
वैसे ही तुम हो
अलग नहीं होती जैसे
चन्दन से खुशबू कभी
जैसे होती है रूह जिस्म में
वैसे ही तुम हो...-
प्रेम वो है जो जीवन में
रंग भर दे!
प्रेम वो है जो हर अल्फ़ाज़ को
चंदन कर दे!
प्रेम वो है जो जिस्म को @love_ki_pathshala_
रूह कर दे!
प्रेम वो है जो तेरी यादों को
आँखों का नीर कर दे!-
चन्दन को हम कितनी बार भी घिस लें
उसकी महक कभी भी खत्म़ नहीं होती
इसी तरह हममें आत्मविश्वास भरपूर हो तो
चाहे कितने ही अवरोध आएं कामयाबी हासिल होगी ही
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हवा में जहर, पानी और आहार में जहर
परिणाम, इन्सान के व्यवहार में जहर ।
निःसंदेह चन्दन महान वृक्ष है।
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बिछड़ कर तुमसे हम जी नहीं पायेंगे,
तुम्हारे बिन हम जीते जी मर जायेंगे,
तुम अगर साथ चलने का वादा करो,
तुम्हारे साथ हम अपनी दुनिया बसायेंगे,
भूल जाओगे हर एक दर्द को तुम,
हम तुम पर इतना प्यार बरसायेंगे,
अभी कठिन हैं पर आसान होंगी मुश्किलें,
फिर हम अपनी एक अलग पहचान बनायेंगे,
तुम अपने दिल में जगह दे कर तो देखो,
हम तुम्हारे माथे का "चन्दन" बन जायेंगे,
ग़र मंज़ूर ना होगा तुम्हें प्यार हमारा,
तुम्हारी दुनिया से हम बड़ी दूर चले जायेंगे,
तुम कितना भी भुलाना चाहोगे मुझे,
तुम्हारे चेहरे पर अपनी मुस्कान छोड़ जायेंगे ||
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तेरी यादों का दरिया बहे जा रहा,
दिल के दर्दों को मैं भी सहे जा रहा,
कोशिशें कर रहा दर्द ढकने की मैं,
फिर भी चेहरे से सब कुछ कहे जा रहा,
मैंने भी देखा था एक सपना कभी,
एक दुनिया बसायेंगे मिलकर सनम,
तूने तोड़ा मेरे जब भरोसे को था,
मेरे पैरों तले से हटी थी ज़मीं,
इतना टूटा हूँ "चन्दन" कि क्या ही कहूँ,
मैं हवाओं में फिर भी बहे जा रहा...!!!-
बेटी जब आती है, घर मेरा महक उठता है
जैसे हो उसको बनाया गया चन्दन देकर !-
सुनों, इस लाली लिपस्टिक
के मॉर्डन ज़माने मेँ तुम
सनातनी ही अच्छी लगती हो!!-