अचानक आज मैं ख्वाबों के घरोंदे में झांकने लगा,
जो खो गयी थी उन यादों की गलियों में भागने लगा,
वहाँ पर एक थैले में मुझको मेरी लिखी डायरी मिली,
कटी-फ़टी हुई कॉपी में मुझको कटी-फ़टी शायरी मिली,
मैंने खोलना चाहा उन पन्नों को आहिस्ता-आहिस्ता,
दिल रो पड़ा अचानक मेरा जाने क्यों हँसता-हँसता,
मैं धीरे-धीरे एक-एक करके पन्नों को पलटता गया,
यादों में खोकर उन्हीं पन्नों में ही मैं तो सिमटता गया,
सालों बाद आ गयी मुझे याद वो भूली-बिसरी कहानी,
एक ही पल में बर्बाद कैसे हुई थी सचिन तेरी जवानी
29-07-2019
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