फिजाओं में अपना परचम लहरा रहा है आजादी के मतवालों ने लहु बहाया अपना इस तिरंगे की खातिर, उन वीर सपूतों के गुणगान सुना रहा है प्यारा तिरंगा हमारा शान से आज लहरा रहा है
उससे पहले काली रात का होना जरूरी है वरना यूं ही नहीं देता सुबह का सूरज आंखों में चमक खुशियों की गरमाहट के लिए पहले ग़म की ठण्डी बौछार जरूरी है उठकर आगे बढ़कर चलने के लिए गिरकर धूल की सौगात जरूरी है सुबह का सूरज चढ़ आए उसके लिए शाम के सूरज का ढलना जरूरी है
तारीफ झूठी हो या सच्ची, हर हाल में अच्छी लगती है , जिसे सुनकर कौवा भी हंस की तरह इतराये, फिर चाहे समंदर हो या चने का झाड़ जिसके एहसास से नीम भी शहद सी मीठी लगती है 😀
Life is like a book that starts from the front page and every day a new journey begins with a new chapter. which gives you new experiences, lessons and outlook towards life. Similarly you have to go through so many journeys till you reach the last page which changes you and your perspective day by day and prepares you for a new challenge every day. And in the end you have good and bad experiences left and lots of lessons to be learned and finally it's your capital at the end of life.
Dear 2021, तुमने इस साल बहुत से ख्वाब दिखाये और हमने उनको अपनी पलकों में भी सजाये संग उनके बहुत से कसमें और वादे भी खाये तुम्हारे साथ कुछ अच्छे तो कुछ बुरे पल भी बिताये कुछ सच्चे तो कुछ झूठे वादों के साथ तो कुछ खट्टी तो कुछ मीठी मिली सौगातों के साथ कुछ हसीन यादें लिये जा रहे हैं तुमसे अलविदा किये जा रहे हैं