सोचा नहीं था
तेरे सुबे
मे यह
अंजाम होगा,
बेटी की मौत पर
चुप और
गाय की मौत पर
शहर निलाम होगा..!!-
किस किस से लड़ोगे तुम
यहां चलता गुंडाराज है
जेबो में लाशें दफन
और होटों पे जनमत का प्रचार है-
आज ज़ुबाँ कांप रहे हैं,
हाथ थरथराते हैं।
आज मैं मुझसे पूछता हूँ,
क्या ये है मेरा देश?-
ज़ख़मे दिल ला ज़रा दिखा आकर।
फिर कोइ दास्तां सुना आकर।
लोग करने को इश्क़ करते हैं।
उम्र भर रोते हैं बता आकर।
चांद आया नहीं कभी छत पर।
रुख़ से परदा ज़रा हटा आकर।
ले लिया दिल तो और क्या लोगे।
जान लेनी है तो सता आकर।
तुझ को हर रोज़ ही मनाता हुं।
आज रुठा हुं मैं मना आकर।
मेरी मैय्यत पे सुर्ख़ जोड़े मैं।
अश्क़ आंखो से ना बहा आकर।
बज़्म में तेरी ही कमी सी है।
सबको दीवाना तो बना आकर।
तेरी आखों के हम हैं मसताने।
थोड़ी आंखों से मै पिला आकर।
लुट गया है बाला तेरी ख़ातिर।
इस पे अपना भी कुछ लुटा आकर।
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जान बूझकर चुप हूं,
मुंह सिला नहीं है,
ये ना समझ कि बोलना नहीं आता..!!
हाथ रोक रखें हैं,
टूटे नहीं है जान ले,
ये ना समझ कि फोड़ना नहीं आता..!!
हथियार छोड़े हैं,
चलना नहीं भूले,
ये ना समझ कि चलाना नहीं आता..!!
अभी समय हैं,
सुधर जा बेटा,
क्योंकि हमें बातों से समझाना नहीं आता..!!-
जिन रिश्तों को आपकी मौजूदगी से परहेज होने लगे,
वहाँ से मुस्कुरा के चले जाना चाहिए।
मतलब की है दुनिया, मतलब के है लोग,
कल तक हिम्मत नहीं होती थी जिनकी
आँखे मिलाने की, आज वो आँखे दिखा रहे हैं।-
उत्तर प्रदेश का जो हॉल है
वो बेहाल हैं।
गुंडों की सरकार हैं ,साला नियमों का मामला यहाँ आर-पार हैं।
विरोध करना जो नैतिक अधिकार हैं
उसमें भी मारते ये (सरकार)अपनी संवेदनायें बार बार हैं।
प्रदेश ऐसा जहाँ हर सवालों का उत्तर मिल जाता था
अब तो सरकार ही प्रश्नों के जाल में ।
भ्रस्टाचार ,रेप ,का मामला ऐसा हैं कि स्मृति ईरानी को
राहुल गांधी का (रेप इन इंडिया) सुनाई ,दे देता हैं
लेकिन उस रेप से पीड़ित लड़की की चीखें नहीं सुनायी देती इसको।
प्रश्नों और सवालों के जवाब में उलझ के रह गया है ये
हर राजनीतिक पार्टी को स्पष्ट जवाब देंने वाला प्रदेश
#उत्तमप्रदेश।-
सामने इनके खड़े हुए तो,
ये लाठियां बरसा देंगे
खिलाफ इनके बोले तो,
ये जेलों में भिजवा देंगे
कब तक हम पिस्ते रहेंगे
इन सरकारी दीवारों में !
अब इनको लाना होगा
बीच सड़क चौराहों में !!.
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जानते हे इस देश में सबसे मुश्किल काम कौनसा हैं??
इस देश के कुछ ताकतवर लोगों के बारे में सछ लिखना!!
आप जानते हे की इससे उनको कुछ ख़ास फ़र्क नहीं पड़ेगा,पर ये बात तो पक्की हैं कि आप अपने आप को अंदर से बेहतर मेहसूस करने लगेंगे!!
यकिन नहीं अाराह तो, आज जी कलम उठाकर कुछ ऐसा सच लिखिए उन ताकतवर लोगों के खिलाफ़ जिनके लिए, पुलिस, प्रशासन,मीडिया, और इस देश की नियाएं पालिका का कोई खौफ़ नहीं और हर तरफ़ सिर्फ़ और सिर्फ़ उनका गुंडाराज चलता हैं!!
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अगर सज़ा-ए-मौत हो सजा इस गुनाह की
तो कोई कैसे किसी गुनेहगार को गुनेहगार कहे?-