जब आप शादी में,
दुसरी बार भी धोका खाते हैं,
हम तब जिंदगी में कभी ना,
वापस शादी करने की कसम खाते हैं!!
मर्दों को ना समझना,
उनके जज्बातों के साथ खेलना,
एक आदत सी बना ली हैं, कुछ लोगों ने!
उन लोगों औरत कहना से भी, डरता हैं हैं दिल!
क्युकी कुछ औरते सिर्फ़ अपनी इच्छाएं, अपने शौक,
अपनी ज़िद, अपनी लाईफ के बारे में सिर्फ़ सोचती हैं! उसको अपने हमसफर की कोई पड़ी नहीं!
वह हमसफर us लड़की की शौक, इच्छाएं, वादे पूरे करने में दिन रात एक करता हैं, हर रोज मेहनत करता हैं! पर वो औरत कभी उस आदमी की कदर करना नहीं जानती, वह लड़की सिर्फ़ अपना देखती, सोचती,बोलती हैं! ऐसे खुदगर्ज, हमसफर के साथ जीने से अच्छा उसे तलाक देकर ऐसे रिश्ते से मुक्त करना! क्युकी पिछले 2 साल 6 महीनों में इतनी ज़्यादा लड़ाइयां extreme लेवल पर हुई हैं जिसकी कोई हद नहीं!
उसे चाइए एक 3BHK फ्लैट, उसे चाइए सोना, उसे चाइए सबकुछ! उसने अमीरों वाली जिंदगी मेरे साथ देखी थीं और अब मुश्किल आपने पर, जब मेरी नौकरी नहीं हैं, में दिन रात मेहनत कर रहा हूं नौकरी लगाने के लिए, तो उन्हें ये सब दिखाई नहीं देता!
उनको तो बस अपने अरमान, अपने सपने, अपने 3bhk मकान इत्यादि की पड़ी हैं!
उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि, हमसफर की ज़िंदगी में क्या चल रहा हैं, किस दौर से गुज़र रहा हैं!
उसे हमारी इज्ज़त और अपनी इज़्ज़त कोई खबर नहीं! तलाक तय हैं,पर बुरा लगता हैं!
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Writer: by Choice
Born: India
Candle Day: 1st June 1990
Profession: Senior Supp... read more
एक बार की गलती से मुझे सिख जाना था!
दुबारा शादी, बर्बादी नहीं करनी थी!
क्युकी हुआ वहीं जो सोचा था!
समाने वाला हमसफर हमे नहीं समझना,
हमारे परिवार को नहीं समझना,
बात बात पर चिडना और लड़ना,
मेरे मां, बाप को बुरा भला कहना!
मुझे छोटे भाई और उनकी बीवी से,
बात नहीं करने देना!
अपने गुस्से पर काबू नहीं रखना!
गुस्से में बोहोत ज़्यादा गलत बात कहना!
मेरे मां,बाप को मु पर कड़वी बातें सुनाना, ताने मरना, गलत इल्जाम लगाना, उनका दिल दुखाना, समाने जवाब देना मुझे बिल्कुल सहन नहीं होता!
और में अपने मां के पक्ष में कुछ बात बीवी को कहता हूं तो, बीवी और भी ज़्यादा गुस्सा हो जाती हैं!
फिर मोहल खराब होते देर नहीं लगती!
जब से हम अलग रहने लगे हैं, और मेरे मां, बाप
जब भी मुझसे मिलने आए हैं, मेरी बीवी ने एक
ऐसा दिन याद नहीं या कोई दूसरा दिन हो,
उनके संबंध में, मेरे से लड़ती, झगड़ती हैं!
कभी कभी लगता हैं, अगर ये हमारा समाज की सोच थोड़ी वेस्टर्न (western) hoti तो शायद उसे कब का छोड़ चुका होता! पर इंडियन मेंटालिटी यह पर ऐसी हैं कि, दूसरी बार मेरे साथ हुए चल,धोखे, विश्वासघात को ये दुनियां नहीं समझ पाएगी!
इसलिए तो कहता हूं, आप जब भी शादी का सोचो एक legal contract बना कर रख देना!
क्युकी यह लोगों को बदलते, अपने वादों से मुखरते, दूसरों को धोका देते, अपना असली रंग दिखाने में
देरी नहीं करते!!
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मेरी दूसरी शादी ने मुझे खून के आसू रुलाए!
मेरे मां बाप को दूर कर दिया,
भाई को दूर कर दिया,
परिवार में फूट डाल दी!
अपने ही घर से अलग हुआ!
अपने घर में आना जाना बंद हुआ!
भाई को और उनकी पत्नि को ब्लॉक करना!
ज़िंदगी भर बात चीत बंद करवाना!
हमे काफ़ी बार धमकाना, मरना, खुद को दीवार पर पिटना, थप्पड़ मरना!जोर जोर से चिलाना, और अपनी बात मनवाना!!
मां, बाप को मिलने जाने नहीं देना!
पति को बिखरी कहना, उनसे 3bhk घर खुद का लेने की ज़िद करना, 2bhk में संतुष्ट ना होना!
मां, बाप को शाम को घर पर आने को कहना!
यह सब पागलपंती, बचकानी हरकते, रिश्ते को इस किनारे , पिछले 2 साल aur 5 mahine mein la khada kiya hein ki pucho mat!
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किसी ने क्या ख़ूब कहा हैं!
पति पत्नि के रिश्ते, हमबिस्तर होने नहीं,
बल्कि, एक दूसरे को समझने, एक दूसरे के विश्वास,
एक दूसरे के प्रति अटूट प्यार और निष्ठा!
और एक दूसरे के प्रति Respect ही,
रिश्ते को आगे ले जाती हैं!
वरना हमबिस्तर तो लोग,
तवायेफ के साथ भी होते हैं!
पर इसका मतलब यह तो नहीं वह कोई रिश्ता हुआ!
वह तो सिर्फ़ के सौदा हुआ, किसी के बोली लगाकर,
एक जिस्म को चुना, तो किसी से अपने रोज़ी,रोटी और भी मजबूरोइयो की वजह से,
अपने जिस्म का सौदा किया!-
कुछ रिश्ते जब तक वे ज़िंदा हैं, बोहोत चुबते हैं!
क्यूंकि उन रिश्तों में एक, दुसरे को समझने के लिए समझ होकर भी समझने के लिए राज़ी नहीं!!
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पता हैं रिश्ते कब खोखले लगने लगते हैं??
जब रिश्ते "Fashion" बन जाते हैं तब!
क्यूंकि सब कुछ तब नाम के वास्ते होता हैं!
किसी को किसी नहीं पड़ी, दिखावे का,
हा जी, ज़रूर जी, कैसे हो जी!
बस अब रिश्ते एक "Formality" बन गए हैं!
जिओ तब तक इस formality को निभाओ,
वरना लोग आपकों खुदगर्ज का,
टैग देने में देरी नहीं करेंगे!!-
एक मां अपने बच्चे की खुशी के लिए,
जोह करती हैं, वह ख़ुदा भी,
नहीं कर सकता!
एक मां की ताकत को मत ललककारो,
क्यूंकि एक मां के शक्ति के आगे तो,
भगवान भी झुक जाते हैं,
तो फ़िर, इंसान क्या चीज़ हैं!
वक्त रहते मां का, सम्मान, इज्ज़त,
आधार, सत्कार करों!
क्योंकि, एक मां का ना होने का दर्द
आपकों रात को सोने नहीं देगा,
दिन में चैन नहीं देगा!
मां इस दुनियां में सब कुछ हैं!
क्युकी मां में ही जीवन हैं,
और जीवन ही मां हैं!-
डरते नहीं अब तुम्हें खोने में,
क्यूंकि तुमने साबित कर दिया कि,
तुम कभी मेरे अपने थे ही नहीं...
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जब लोग, कुछ अपनो की सच्चाई से,
वाकीफ होते हैं तो वे,
पूरी तरह से टूट जाते हैं!
क्योंकि, अपनो से खाया हुआ धोखा!
भुलाए नहीं भूल पाते!!-
सबसे ज़्यादा दुःख तब होता हैं,
जब एक घर के दो टुकड़े हो जाते हैं!
और अपने,अपनो से बिछड़ जाते हैं.....-