QUOTES ON #गलियां

#गलियां quotes

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4 JAN 2019 AT 8:06

मेरी रूह का पता मांगते मांगते आया था,
न जाने क्यों अब सिर्फ जिस्म की गलियोंमे
भटकता नजर आता है।

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2 JUN 2019 AT 6:17

बनारस की गलियां तो खामखा बदनाम है ...
कमबख्त उनके दिल का रास्ता भी ,
किसी भूल भुलैया से कम नहीं ...

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19 NOV 2019 AT 8:31

गांव की हरियाली में बचपन उसका बिता
शहर की चकाचौंध में जा कर वो खोया ।।

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4 APR 2019 AT 23:58

भूली बिसरी गलियां,
आज फिर याद आई है,
भूली बिसरी कुछ यादें साथ लाई है,
जिनसे नाता तोड चुके हम,
ऐसे कुछ लम्हे फिर से ताज़ा हो आई है,
जो गलियां कभी गुलज़ार हुआ करती थी,
अब हमें नागवार गुज़री है,
क्या कहें कि वो यादें , वो लम्हें,
अब मुझे काटने को दौड़ती हैं।

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13 OCT 2019 AT 8:01

काश ये मेरी गलियों की हवाएं
तेरी गलियों से होकर आती

हम तो तेरी खुशबू से ही तेरा
दीदार कर लेते

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9 MAR 2018 AT 17:33

Jhayal panti ka alam to deakhye...
Kal to wo bhi apni maa,bhno ko mubarak baad de rahe the jo,apne dosto ko maa bhn ki galiya de kar bulate hai...!

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3 MAR 2020 AT 13:56

गुब्बारे मार कर ,
कहीं कोने में छिप जाना
शैतानियां याद कर ,
आ गया फिर मुस्कुराना।

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14 MAR 2018 AT 8:10

जैसे घर की गलियां संकीर्ण होती गई
दिल की गलियां भी जीण क्षीण होती गई
अतिक्रमण रहने वालों का इस कदर बढ़ा
कि ज़िन्दगी ही देखो गमगीन होती गई

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भूली बिसरी गलियों में,
वापस मेरा जाना क्या?
किसने अपना समझा था?
किसने अपना माना था?

किसने आंसू पोछे थे?
कोई चेहरा याद नहीं?
सबने नश्तर मारे थे,
सुनी मेरी फ़रियाद नहीं!

स्वतंत्र हरे हैं घाव सभी,
गैरों को दिखलाना क्या?
अपना किसको कहूं यहां?
मेरा कोई ठिकाना क्या..!

आवारा हूँ यही सही,
खुश हूँ अपने साथ मगर,
ढूंढ़ रहा हूँ मंजिल को,
जंगल पर्वत नगर नगर..!

सिद्धार्थ मिश्र

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15 JUN 2020 AT 11:01

तुम दस्तक़ देते रहे मेरे दरवाजे पर
इत्तेफ़ाक़न हम भी तुम्हारी ही गलियो में गुम थे।

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