QUOTES ON #गणतंत्र_दिवस

#गणतंत्र_दिवस quotes

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25 JAN 2019 AT 23:36

मौत जब चौखट पर आए,
तो होठों को मुस्कान देना,
होगा शत्रु या मौत खड़ी,
इन आँखों को गुमान देना...

जीतकर आने की दुआ,
सर कटाने का अभिमान देना,
वतन पर मिटा सकूँ खुद को,
ऐसा कुछ काम देना...

मौत पूछेगी जब नाम-पता,
शहीदों में इक नाम देना,
सो जाऊँ जब गोद में तेरी,
माँ ! तिरँगे का आसमान देना...!!

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25 JAN 2019 AT 23:12

ये शान है, ये मान है, वतन का ये सम्मान है,
चले वतन इसी से है, यही मेरा अभिमान है,
ये मेरा संविधान है।

उद्देशिका का मंत्र है, लोकतंत्र ये गणतंत्र है,
न्याय की ये नीति है, सम्पन्नता की रीति है।
अखंडता इसी से है, यही निरपेक्षता का मान है,
ये मेरा संविधान है।।

कानून की दलील है, स्वतंत्रता का ये मील है,
कर्तव्य है, अधिकार है, विचारों का अंबार है।
स्वराज भी इसी से है, इसी से वतन महान है,
ये मेरा संविधान है।।

पर तंग है, पर नंग है, वतन भी खंड खंड है
संविधान के ही पन्नों पे, लिपटा क्यों प्रसंग है?
समता की भी हार ये, यही एकता की शान है,
ये मेरा संविधान है!

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24 JAN 2019 AT 15:54

"स्कूल के दिनों का
बेहद रोमांचकारी
और व्यस्तता वाला दिन"

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26 JAN 2018 AT 22:09

कुछ ख़ास तो लूट गए तुम्हें दिखावे ही करते हुए,
मुझ आम के दिखावे से गरीब का चुल्हा तो जलता है!

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26 JAN 2018 AT 23:06

लीजिये गणतंत्र दिवस मना लिया हमने,
तिरंगा फहराकर दो चार तस्वीर खींच लिया हमने।

पिछले अगस्त से जो जमी हुई थी दिल में,
वो देशभक्ति आज दिखा दिया हमने ।।

फिरसे शुरू इंतज़ार का सिलसिला ,
एक हॉलिडे तो मना लिया हमने ।

दुआ है की यह जज़्बा पूरा साल कायम रहे,
कुछ हद तक तो अपनी सोच को
गणतन्त्र किया होगा हमने ।।

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26 JAN 2019 AT 7:42

हाँजी, तो देशभक्ति बेन हमारे बीच आ चुकी हैं और आज रात 12 बजे तक हमारे बीच ही रहेंगी। लेकिन कल से देशभक्ति बेन हिमालय चली जाएंगी तपस्या करने और वापस आते आते 15 अगस्त आ जायेगा।

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26 JAN 2019 AT 20:47

अभिनन्दन गणतंत्र तुम्हारा, वंदन है गणतंत्र
उन्नत भारत भाल सुशोभित, चंदन है गणतंत्र।
नील गगन में फहरे खुलकर, अपना सीना तान
याद दिलाये हमें तिरंगा, वीरो का बलिदान।
हंसते-हंसते हुए देश की, खातिर जो कुर्बान
लेकिन भारत माँ की रखी, आन बान और शान।
प्रगति शिखर पर चढे़ सहज, वह स्यंदन है गणतंत्र
उन्नत भारत भाल सुशोभित, चंदन है गणतंत्र।
समता समरसता समाज की, संविधान का मूल
न्याय,नीति,आदर्श समन्वित, हर विधान अनुकूल।
सहज धर्म कर्तव्य करें हम, राग द्वेष सब भूल
चलो हटायें मानवता के, पथ पर बिखरे शूल।
निखर गया जो तप-तप कर, बह कुदंन है गणतंत्र
उन्नत भारत भाल सुशोभित, चंदन है गणतंत्र।

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15 AUG 2020 AT 0:26

मेरे जिस्म का कतरा कतरा भी तुझपे कुर्बान है
ऐ वतन तू ही मेरी मजहब तू ही मेरी ईमान है
तू ही मेरी शान तू ही मेरी अभिमान है
तेरे रक्षा में एक जन्म क्या मेरे सौ जनम भी कुर्बान है।
💂‍♀️ 🇮🇳 👮

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26 JAN 2018 AT 9:10

उसके माथे की शिकन ये हाथों में बचा तिरंगा है
कि भविष्य मेरे देश का आज भी 'भूखा - नंगा' है

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26 JAN 2018 AT 10:00

कंधा हूँ घर का ,ये सोच अंधा बन जाता हूँ,
“मुझे क्या पड़ी” सोच, धंधे में लग जाता हूँ

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