मौत जब चौखट पर आए,
तो होठों को मुस्कान देना,
होगा शत्रु या मौत खड़ी,
इन आँखों को गुमान देना...
जीतकर आने की दुआ,
सर कटाने का अभिमान देना,
वतन पर मिटा सकूँ खुद को,
ऐसा कुछ काम देना...
मौत पूछेगी जब नाम-पता,
शहीदों में इक नाम देना,
सो जाऊँ जब गोद में तेरी,
माँ ! तिरँगे का आसमान देना...!!-
किसान खुश थे,
कि उन्होंने बीज बोये,
बीज़ खुश थे कि वो पेड़ बने,
पेड़ खुश थे कि उन्होंने फल दिए,
छांव दी, बारिश दी, ऑक्सीजन दी ।
फिर एक रोज़ कुल्हाड़ियों का अविष्कार हुआ।
काटे गाये पेड़, रौंदी गई धरती, मिट्टी से पानी, हवा से काटी गई नमी और साथ साथ अपने आप कटता गया जीवन।
और इसी क्रम में कुर्सी का अविष्कार हुआ।
ये पेड़ों की जिंदगी का सबसे काला दिन था
जिसे प्रकृति शोक दिवस के रूप में मनाती है।
-देवेंद्र अहिरवार-
आँखों में इंतज़ार है, उस घड़ी के काम का,
नींव रखीं जाएँगी और मंदिर बनेगा श्री राम का।।
मंदिर मेरे राम का, बनने को है तैयार,
भूमि पूजन संग करें, राम-राज आधार ।।
सदियों का संघर्ष था, दिया बहुत बलिदान,
बीस पीढ़ियों बाद हैं, आया दिवस महान ।।
धन्य-धन्य मैं हो गया, जगे हमारे भाग,
निज पुरखों की ओर से, पा दर्शन सौभाग्य।।-
सिस्टम की गंदगी पहले इन कीड़ो को पैदा करती है,
इनको खिला पिला कर बड़ा बनाती है,
फिर ये सिस्टम को ही खाना शुरू करते है,
और अंत मे सिस्टम के हाथों ये खत्म कर दिए जाते हैं....!!-
अगर हम प्रकृति का सम्मान नहीं करेंगे,
तो प्रकृति हम सबको नष्ट कर देगी..!!
(An Open Letter To All Homosapiens)-
एक एक पन्ना हर कोई बांट लेते है मतलब की,
सुबह-सुबह मां घर में अखबार जैसे हो जाती है..!!
©Unknown|@neerAj-
सिक्स पैक से नहीं बनते हैं मर्द,
न ज्यादा कमाने से बनते हैं,
न चिल्लाने से,
न आंसू छुपाने से बनते हैं,
किसी और को भी ठंड लगती है तो
दिल उसका भी सर्द होता है,
कि जिसको दर्द होता है,
असल मे, वही मर्द होता है..!!
©Gaurav Solanki | @neerAj-
एक पीर-फ़क़ीर ज़रूरी है सयाने,
इंसान को भी,
अपनी ताक़त का इल्म नहीं था,
वीर हनुमान को भी।-