ससुराल में बेटी के पास सब उसके पति के नाम का होता है यहां तक कि वह स्वयं भी
परंतु बर्तनों पर पिता का नाम लिखा रहता है-
परिभाषित होता है कि
‘समर्पण’ से संबंध प्रगाढ़ होते है
ये ‘संबंध’ है या ‘युद्ध’
कि आपको अपने प्रतिद्वंदी का
‘समर्पण’ चाहिए।-
भई YQ पर एक बड़ी विचित्र प्रजाति पाई जाती है ...जो आपकी पोस्ट लाइक करते ही "follow" की ख़ैरात मांगते हैं।.....
अरे अरे....रुको ज़रा....सबर करो😁😁
जा भाई मत करना like... हो जा नाराज़।।
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"खरी खरी"
मैंने कई लोगों को अपने बच्चों से दूर होते देख है, कुछ को अपनी उस बहु को खोते देखा है जो असल में सबसे अधिक समर्पित थी, कई को अपना पसंदीदा कर्मचारी खोते देखा है और सबके पीछे कारण एक ही पाया है, 'तुलना'! जाने अनजाने ही सही किंतु कुछ लोग इस हद तक तुलना करते हैं कि सीमाएं पार हो जाती है। ईश्वर ने हर व्यक्ति को अनुपम बनाया है। वह अपने आप में विशेष है। हर व्यक्ति की शारीरिक,मानसिक,आर्थिक क्षमता एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि भिन्न होती है। ऐसे में तुलना करते समय इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोई भी व्यक्ति एक हद तक ही आपको खुश रखने का प्रयास करेगा उसके बाद उसकी एक ही प्रतिक्रिया होगी, "उसी के पास जाओ!" (जिससे लगातार तुलना की जा रही है)-
अच्छी हैं , या बुरी हैं
समयनुसार परखो तो
कुछ आज भी ख़री है
पुरातन संस्कारों के
गुणों से भरी पूरी हैं
उन्हें बेड़ियाँ न समझो
कुछ रिवाज़ जरूरी हैं
जीवन मूल्यों के लिए
इनकी बंदिशों को मंजूरी है
जया सिंह 🌺
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आईच महत्त्व जाणून होते आईला मी खूप मानतही होते
आईला मी ओळखतही होते आईला खूप जपतही होते
खरी आई व तिची वेदना कळाली मी स्वतः आई झाल्यावरच.....0७.02.2020..📝✍️
काव्यप्रकार : त्रिवेणी-
खरी खोटी
कहने को बात है छोटी सी
सुनने में थोडी खोटी सी
दुनियां में कौन पराया है
दुश्मन घर में हीं मिल जाते है॥
धरती का धीरज जग जाहिर
और शांत समंदर दिखता है
दोनो के सीने में है भूकंप दफन
तब अतिशय में पर्वत हिल जाते है ॥
कुदरत के खेल निराले है
ये खेल मेल सब किसमत के
सावन में जो पानी को तरसे
सहरा में गूल खिल जाते है ॥
सत्य प्रकाश शर्मा "सत्य "
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तुम्हारी आदत है भूल जाने की
हमारी ख्वाहिशें,वादा निभाने की
जो भी कहा जबान से,अंजाम तक पहुंचे
फिर बहाना नहीं ,ना ही बात है बनाने की
नेकी करो और डाल दो,गहरे से दरिया में
नेकिया होती नहीं ,चीज कोई भुनाने की
ये माना नेकियां की है,तुमने तो जहां भर की
गिनाओ मत , नहीं है बात यह गिनाने की
वो सीधे-सीधे ,कर ही देते हैं मदद सबकी
लेकिन उन्हें आदत नहींहै,करके यूँ जताने की
कोई छेड़े जो दीन दुखियों को,खिलौना समझ
खुदा भी देता सजा ,दुखियों को सताने की
सुना तो देते हैं ,बातें खरी खरी सबको
महज गरज नहीं है ,सबको यह सुनाने की
तुम्हारी आदत है....-
"माझा अभिमान जी.प.शाळा"
संस्कार रुजविते बळघुटीतूनी
मूल्य शिकवते सहज आचारणातुनी
विश्व घडविते बाल जिवातूनी
लळा पेरते मातृ हृदयातुनी....
अखंड वसा जणु ध्यास मनात
सन्मान मिळावा सर्व जनात
उसंत न घेता अविरत करती
( माझे शिक्षक बांधव ) हो काम
जी.प.शाळेचे उंचाविण्या हो नाम...
खरी ज्ञान गंध इथेच जडतो
संबोधप्राप्ती पाया इथेच घडतो
भविष्य नांदी घेते इथेच आकार
जी.प.शाळाच करेन तुमचे स्वप्न साकार...
२१:१२:२०१९✍️✍️🙏-
मैं कम कर रहा हूँ अब तुमसे उम्मीदें
बस इस बार आप उन पर खरी उतरना ।
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