चाहते हो न, कि फ़र्क़ पड़ना बंद हो जाए,
सोना औरों की तरह अकल्मन्द हो जाए।
कोई बात नहीं, कह कर हर बात भुला दे,
अपनी जलन,अपने गुस्से को यूँही सुला दे।
जो तुमको "पसंद" हो ,सिर्फ वही बात करे,
सिर्फ "प्यारी प्यारी बातें" ही दिन रात करे।
सीख जाए ये "दुनियादारी" औरों की तरह,
चेहरे पे "कई चेहरे" लगा ले,औरों की तरह।
क्यों एक ही बात को, हर बार दोहराता है,
है तकलीफ तो क्यूं नही छोड़ चला जाता है।
मेरे जाने से, सोना बिखर थोड़े ही जाएगा,
मै ना रही अगर ,तो ये मर थोड़े ही जाएगा।
सच कहती हो जान,शायद मेरी ही खामी है,
खुशियां छीनना तुम्हारी,यही मेरी नाकामी है।
सब्र रखना,खुशियां आएँगी,सब सुधर जाएगा,
चाहती हो न सोना बदल जाए,बदल जाएगा।
बहोत सी बातों से फ़र्क़ पड़ना बंद हो जाएगा,
धीरे सही,तुम्हारा सोना अकलमंद हो जाएगा।
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