जवाब देने हैं, सवाल बाकी है
दिल में अब भी मलाल बाकी है,
नया रंग उमड़ आया बादलों पर
पूछना उनसे उनका हाल बाकी है,
इक कागज की कश्ती बहाई थी
देखना हवाओं की चाल बाकी है,
शोर तेज है आज धड़कनों का
वो करीब हैं, ये खयाल बाकी है,
पिघल रहा वक्त 'दीप' हर लम्हा
ख़ामोशियों का ये साल बाकी है !-
छोटा भाई : भैया शहर में सब कुछ किराए पर
मिलता हैं, आप चिंता मत करिए।
बड़ा भाई : चलो अच्छा हैं, अपना खयाल रखना।
(मन में : छोटे जहां इंसान बिकते हैं और
जिस्म किराए पर मिलते हैं, तो बाकी
चीजों का क्या।
तू बस अपना और बाबा की इज्जत का
खयाल रखना।)-
तेरा खयाल कागज़ पर बिखरता ही रहा,
इश्क़ उतर आया आँखों से देखते-देखते !-
सिर्फ 'खयाल' ही नहीं रखते हैं हम आपका,
हम आपको अपने 'खयालों' में भी रखते हैं।
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डूबकर सोए तेरे खयालों मे , चैन कहाँ नसीब हुआ
हैरत में डाला है जालिम ने किश्त नींदों की मांगकर-
के किसी दिन तो मेरे खयाल तेरे दिल पे दस्तक देंगे...
मै खुद को फना कर दूं न कही ये सोचसोच कर के...-
तपिश इश्क़ की, फितूर कुछ जुदा सा लगता है,
रूह में जज़्ब तेरा खयाल क्यूंँ ख़ुदा सा लगता है !
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गम की महफ़िल में मुस्कुरा दिए थे हम
फिर ढाये लोगों ने शब्दों के सितम
शायद ये सज़ा थी
तेरे ख़यालों में खोने की।-