तुझे भुला तो दूं
मगर अभी मुझे जीना है!-
ऐ खुदा अब तो तू रुला दे मुझे..!!
छोड़ जाने दे अब भुला दे उसे..!!
ये पुराना खत जो लिखा था कभी,,
एक काम कर अब जला दे इसे..!!
मेरी यादों से भी अब मिटा दे उसे..!!
मेरी जीस्त से अच्छी पनाह दे उसे..!!
उसकी जिद है मुझसे बेहतर होना,,,
मुझसे ज्यादा बेवफ़ा बना दे उसे..!!
मैं मर गया हूँ अब ये बता दे उसे..!!
बस चेहरा उसका तू दिखा दे मुझे..!!
इश्क़, बेवफ़ाई, गुनाह बहुत किए,,,
एक काम कर तू दफ़ना दे मुझे..!!-
और खत्म हुआ आज वो मज़ाक
ना भूलकर भी कहेगा अब कोई
तलाक़ तलाक़ तलाक़ !!
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मैं वहां तक नहीं जाता जहां रास्ता खत्म हो जाए ,
क्योंकि इंसान की आदत होती है मंजिलें बदलना !-
रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में,
मंज़िल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ-
खत्म क्यों नहीं करते, मेरे इंतजार को..
मैं कब तक यूं , फासलों से मोहब्बत करती रहूं..!!-
जिंदगी में ताउम्र शांत होना हो जिसे
यूँ मुशायरों में अब उसकी बहस कैसी
घर में ही महफूज नहीं जो ,
उसकी सड़कों पर मिले दरिंदों से शिकायत कैसी ?-