काली coffee को आधी रात पी लेती हूँ
अक्सर तुम्हें ऐसे भी याद कर लेती हूँ।।😂-
जितना एक्टिव मैं यहां YQ पर रहता हूं...🤗
इतना अगर अपने गांव में रहता तो इस वेलेंटाइन को मैं सिंगल ना होता...💔-
स्वप्नांतल्या राजकुमार बरोबर,
Replace मला करशील का..!
आणि ह्या वेड्याच्या आयुष्यात,
स्वप्नपरी म्हणून अवतरशील का…!
......___ 😘😊😍-
देखिए लोग ! हमने एक विशिष्ट विश्लेषण किया है, बात ये है कि, "महफ़िल में सोफी बन्दा (जो शराब ना पीता हो) और अपने ही क्रश द्वारा फ्रेंडज़ॉन हुए एकतरफ़ा आशिक़ में बहुत सी समानताएं हैं" ।
विस्तार से समझने के निम्नलिखित बिंदुओं को सादर पढ़ें :
१. दोनों ही सूरत में आपका मन हो ना हो साथ जाना पड़ता है, बैठना पड़ता है, सुनना पड़ता है ।
२. इमोशनल होने पर रोने के लिए कन्धा देना या ज्यादा खुशी में बेमन से भी हंसना पड़ता है ।
३. किसी भी चीज़ की आवश्यकता महसूस होने पर लेने आपको ही जाना होगा, (भले वक़्त रात के 2 बजे का क्यों ना हो)
४. घर छोड़ने की जिम्मेदारी तो बेशक आपकी है ही।
५. बेमतलब और खास कर आपके लिए बेमतलब की बातों पर आपको न्यायाधीश बनकर अपने पक्षकार को निरपराध होने का फैसला सुनाना पड़ता है ।
६. फ़ायदा केवल एक है, एक तरफ़ स्नैक्स खाने को मिलते हैं, दूसरी तरफ "ज़माने" को आपके "सिंगल" ना होने का भरम बना रहता है।
नोट: बात किसी के सीधे दिल पर ही लग गई हो तो कृपया बुरा ना मानें...-
मेरी डायरी के वो पेज तेरे जिक्र से भरने लगे
ऐसा क्या हुआ की हम बदलने लगे .....
लिखते लिखते हाथ यूँ रुक जाया करते है
तेरी याद में अक्सर खुद को पाया करते है
किसी और के साथ देखकर तुझे हम जलने लगे
ऐसा क्या हुआ की हम बदलने लगे ....
बैठे बैठे तुझे सोच के मुस्कराया करते है
तेरे बारे में सबसे बतियाया करते है
दिल में तेरे साथ के ख्वाब पलने लगे
ऐसा क्या हुआ की हम बदलने लगे ....
Bestie के साथ तेरे मेरे आसियाने की बात करते है
Imagination में हम रोज़ मुलाकात करते है
तुझे देखने की ख्वाइश में घर से निकलने लगे
ऐसा क्या हुआ की हम बदलने लगे .....
--Ankita Tantuway
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कोई उससे कहो-
किसी की ख़ामोशी भी उसकी मोहब्बत का इज़हार होता है
तेरा इक पल भी online आना मेरे लिए त्यौहार होता है
तू ये समझें या ना समझें, जाने या ना जाने
लेकिन, तेरी इन्ही अदाओ से मझे प्यार होता है-