QUOTES ON #कुपोषण

#कुपोषण quotes

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18 AUG 2019 AT 18:27

मेरी कविताएँ
कुपोषण की शिकार हैं।

उन्हें खाने को
कम शब्द मिलते हैं।

क्यों होता है
किसी गरीब कवि के घर
कविताओं का जन्म?

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3 OCT 2019 AT 18:27

वो रोए तो कुदरत भी है रोती
कभी बारिश तो कभी आनाज से धरती भर देती
इंसान में पता नही दया भावना क्यों नही होती
जानवरों को खिलाते दूध भात रोटी
इंसान के बच्चो को ऐसे भागते जैसे
उनकी मौजूदगी धरती पर बोझ होती
न कर दया अगर नही तुझसे कोई वास्ता
पर उन्हें नीचा तो न दिखा तुझे ख़ुदा का वास्ता.....

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14 JUN 2021 AT 15:48

मैं तो हवा हूँ उड़ जाउंगी, मैं पानी हूँ सूख जाऊंगा
मैं तो ख़ुशबू हूँ उड़नछू हो जाउंगी, मैं स्वाद हूँ
फीका हो जाऊंगा, मगर ऐ इंसानी लिंग क्या रह
पायेगा मुझ बिन, मैं हूँ सृष्टि परियावरण मेरा पोषण

और तेरी हूँ मैं जन्मदाता

ऐ मनुष्य तू है अभी नवजात शिशु और मेरी कोख
मे है तेरी आने वाली पिढ़िया, तू मेरा पोषण नष्ट
कर अपना जीवन और आने वाली तेरी पीढ़ियों
का सर्वनाश कर रहा है ऐ मनुष्य सब इस
तरहा नष्ट कर तब तू क्या करेगा, मेरा क्या

मैं तो हवा हूँ उड़ जाउंगी पानी हूँ सूख जाऊंगा
खुशबू हूँ उड़नछू हो जाउंगी स्वाद हूँ फीका हो जाऊंगा

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13 JAN 2022 AT 18:00

कुपोषण हमारे समाज में हर जगह है....कही आहार कम है तो कही संस्कार!!

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3 MAY 2020 AT 14:11

कुपोषण हर जगह है
जहाँ "आहार" कम है, वहाँ "तन" में
जहाँ "संस्कार" कम हैं, वहाँ "मन" में !!

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24 SEP 2020 AT 15:58

प्रेम के कुपोषण का हर कोई मरीज़ है।
जैसे भी परोसो प्रेम, लगता लज़ीज़ है।

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18 NOV 2018 AT 8:10

कहीं शहर की जगमग रौशनी
कहीं गाओं की हरियाली है
खाने को तो है सब कुछ पर
फिर भी कुपोषित जनसंख्या आधी है

कहीं गंदगी, कहीं रोग
कहीं फैली सामाजिक लाचारी है
है हरियाली खेतों में पर
फिर भी कुपोषित जनसंख्या आधी है

कभी बचपन दिवस, कभी लाड़ली दिवस
कभी लगता सुपोषण, VHSND सा त्योहार
पोषित आहार सरकार तो बटवाती पर
फिर भी कुपोषित जनसंख्या आधी है

AWW , ASHA, ANM दीदी तुमसे ही
POSHAN अभियान की साझेदारी है
आओ मिल कर करें कुपोषण दूर
पोषण दे उन्हें जो कुपोषित जनसंख्या आधी है

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28 FEB 2020 AT 14:24

मेरी थाली में परोसा गया खाना ,
जो मेरे लिए ही... परोसा गया है ,
बताता है मुझे " मैं भाग्यशाली हूँ "

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16 AUG 2020 AT 21:01

केवल पोषक तत्वों की कमी ही नही, संस्कारों की कमी भी कुपोषण को जन्म देती है, जो समाज के लिए ज्यादा घातक है।

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22 DEC 2019 AT 21:12

सर्द हवा में मार गया है
आज चौराहे पर बेघर कोई
जानवरों की तरह जिन्दगी
गुज़ार रहा नारी और नर कोई I

आखिर क्यूँ कोई भूख से बेहाल
कितने बच्चों कुपोषण से मर जाते हर साल
क्यूँ नहीं उनका कोई समाधान
मेरे देश में क्यूँ एसा है हाल I

मंदिरों में चढावा, मस्जिद मजार पर
चादरें बेशुमार चढती देखो
और सडकों पर हर मौसम को झेलते कुछ
इंसानो की जिन्दगी देखो I

फौजी मुंडे sohan lal munday


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