हर बात पर जो तुम अपनी कसम देते रहते हो,
ऐसे तो मर जाएंगे हम।-
10 FEB 2021 AT 7:51
हमें जीतने की आदत है तुम शर्त ना लगाया करो
तुम हर वक्त बेमिसाल दिखती हो जरा काला टीका लगाया करो
फुर्सत मिले जो अपनी मसरूफियत से तो हमसे मिलने आया करो
तुम्हारे बिन रहा नहीं जाता हमसे कसम से दूर ना जाया करो...-
3 MAY 2020 AT 15:40
तुम्हारे हाँथों में मेंहदी को देखता हूँ तो कसम से हाँथों को भी चूमने का दिल करता हैं....!!
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7 APR 2019 AT 20:36
तेरी झूठी मोहब्बत मे हमने फिर से जान लुटाई है।
उसी झूठी मोहब्बत मे फिर से दगा खायी है।
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31 MAY 2020 AT 23:06
जो भी लिखती हो कमाल लिखती हो
लगता है जैसे दिले-ए-हाल लिखती हो
क्या वक़्त है तुम्हे मुझको भी लिखने का
लिख दो न कसम से बवाल लिखती हो....!
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