जिंदगी चार दिन की है
यह कह कर कितनी बार में
मुश्किलों को हम लोगों ने सहा है
जिदंगी तो अपने ही रंग में होती है
उसके रंग को बार बार समझना होता है
मौत तो यूँ ही बदनाम है
जिंदगी तो भी कितने दर्द देती है
चलना पड़ता है मुकाम को पाने के लिए
कोई नहीं जानता सफर कितने दिन के लिए
मग़र हम उसी में खुश हैं कि जिंदगी चार दिन की है-
Welcome on my YQ page with my four lines or two lines. Hope tha... read more
धन्यवाद कीजिए ......
उन सभी लोगों का जिनसे आप जुड़े हैं या वो आपसे जुड़े है......
उस प्रकृति का जिसमे एक सृष्टि की संरचना हुई
उस समय का जिस आधार पर जिंदगी आगे बढ़ती है
उस पंचतत्व जिससे मिलाकर शरीर की प्राप्ति हुई है
अपने ईश्वर का जिनकी कृपा दृष्टि हम सब पर होती है
अपने गुरुओं का जिनके मार्गदर्शन से ज्ञान की प्राप्ति होती है
अपने माता-पिता का जिनसे हमें जीने का अवसर और नाम मिला
अपने दोस्तों और सगे संबंधियों का जिन्होने दुनिया के गुण समझाये
और your quote app का जिसमें हम सब अपने अपने विचार को प्रकट कर सकते है
और उन सभी का जो जाने अनजाने में झूट गए हैं-
तुम्हारे और हमारे बीच में
कुछ ना कुछ तो था एक लम्हे में
जो कुछ तुम ना कह पाये हमारे से
तो हम भी कुछ ना कह पाए तुमसे-
उम्रदराज न बनें, उम्र को दराज़ में रख दें,
और खो जाएं ज़िन्दगी में, मौत का इन्तज़ार न करें.....
जिनको आना है वो आए, जिसको जाना है वो जाए,
पर हमें जीना है अपने तरीके से ये न भूल जाएं......
जिनसे मिलता है प्यार, उनसे ही मिलें बार बार,
महफिलों का शौक रखें, दोस्तों से प्यार करें,
जो रिश्ते हमें समझ सकें, उन रिश्तों की कद्र करें.......!!
बंधें नहीं किसी से भी, ना किसी को बँधने पर मजबूर करें,
दिल से जोड़ें हर रिश्ता और उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहें.......
हँसना अच्छा होता है, पर अपनों के लिये रोया भी करें,
याद आएं कभी अपने तो आँखें अपनी भी नम करें.......
ज़िन्दगी चार दिन की है यारों, तो फिर शिकवे शिकायतें कम ही करें,
उम्र को दराज़ में रख दें,, उम्रदराज़ न बनें......
*😅हमेशा मुस्कुराते रहिए😅*
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एक बार तुम मिल तो जाओ तुमसे एक बात कहनी है
नहीं तो तुम्हारे मम्मी पापा से तुम्हारी शिकायत कर देंगे-
कभी कभी समझ नहीं आता
उस रोज मिले गम का फसाना
टूट जाते हैं रिश्तों के जुड़े धागे
नहीं बनते लाख कोशिश कर लें-
इक दफा एक बारिश ऐसी हो जिसमें
तुमको हमारे गम का एहसास ना रहे
तुम्हारे ख्यालों में हमेशा खोए खोए रहे
इस बारिश में हम तुम्हें नजर नहीं आये-
नमस्कार....🙏🏻
इतना तो लिखा है दीदी
पर आपने उसको पढ़ा ही नहीं
आपके बिना कहे ही लिखते रहते हैं
शायद ही कोई शीर्षक रह गया हो दीदी
जिस पर नहीं लिखा हो हमने..........
इसको शिकायत नहीं समझे.........
ये शीर्षक पर भी कुछ लिख दिया है-
हमारे लिए तुम्हारा प्यार ढाई अक्षर का रहा
हमने प्यार को दिलकश और परिपूर्ण समझा
एक मोड़ पर हम तुम्हारे प्यार को समझ रहे-
जब वो शाम आती है
एक चेहरा साथ लाती है
हल्का सा मुस्कुरा भी देती है
यह कर के अपना वजूद बताती है
जब वो शाम आती है
कई भावों को साथ लाती है
हवा के संग हमें छू कर जाती है
हल्के स्पर्श से एक सहारा बन जाती है
जब वो शाम आती है
कानों में कुछ गुनगुनाती है
दिल को ठंडी राहत दे जाती है
अपने साए में हर रात हमे सुलाती है-