परिस्थितियाँ मनुष्य को कष्ट पहुँचा सकती हैं, धक्का दे सकती हैं, पर रगड़कर नष्ट नहीं कर सकतीं। मनुष्य परिस्थितियों से बड़ा है, बशर्ते वह 'मनुष्य' हो ! किसी तरह जीवित रहकर मरने की तैयारी करते रहनेवाला भुनगा नहीं
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शिक्षा हमें जीने का सही तरीका सिखाती है
शिक्षित होकर भी यदि सही गलत न जाना
तो यह हमारा ज्ञान हमारे किसी काम न आना
शिक्षित होकर सड़क पर घूम रहे है
अशिक्षित व्यक्ति ही अच्छा जो खेतों को चुन रहे है
शिक्षा का अर्थ कुछ दायरों में खुद को सीमित करना नहीं
शिक्षा हमें उड़ने को आकाश तो देती है
शिक्षा की वास्तविकता यह तो नहीं
हम एक काल्पनिक संसार बना लेते है
हमारे तो अपने उद्देश्य होते है
यदि वो पूरे न हुए तो फिर हम
मानसिक दबाव में आते है
जो न करना हो वो भी कर जाते है
क्या वाकई हम शिक्षा का सही अर्थ समझ पाते है
शिक्षा सिर्फ वही नहीं जो किताबें सिखाती है
कई बार ज्ञान जिंदगी भी दे जाती है
एक सभ्य समाज में रहने के लिए पढ़ना लिखना जरूरी है
पर क्या आधुनिकता के परिवेश में जीना हमारी भी मजबूरी है
दिल को नज़र अंदाज़ कर हम दिमाग की सुनते है
कहां तक सही फैसले वो तो वक़्त ही बताएगा
पर जब मनुष्य खुद को पहचान जाएगा
तब ही वह शिक्षित कहलाएगा-
अपनी अकड़ अपने 👉पास रखना महाराज,
अकड़ के चक्कर में हमने उसे👰 भी छोड़ दिया,
जिसके बिना एक मिनट 🧭नहीं रह पाते थे,
तो तुम kon 👉हो बे............❗
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कष्ट, दुःख, परेशानी और मुश्किलें,
प्रारंभ में सच्चे व्यक्ति के पास रहती है
और अंत में बुरे व्यक्ति के पास चली जाती है।-
टूटे टुकड़े मेरे दिल के
हर दिल में तुम्हें ढूँढते है।
लौट कर आने का कष्ट
क्या तुम उठा सकोगी?-
ना दे तू मुझको इतनी खुशी,
मेरी गलती मुझ को अब बता भी दे।
ना डाल मुझ पर इतना बोझ,
दिल में जो है बता भी दे।
जबसे है जाना इस जिंदगी को
बहुत दर्द मिले, कठिनाइयां मिली,
मगर तुझसा ना मिला कोई भी यहां।
क्यों सबको लगता इतना प्यारा तू,
क्यों करता है मीठी मीठी बतिया तू,
कैसे जान लेता है सबके दिलों की बतियां तू,
हम देख चुके बहुत रंग रूप तेरे,
मगर ना लगा कभी भी पराया तू।-
कष्टाने कमवलेला पैसा कधीही कमी पडत नाही,
पण लबाडी करून कमवलेला पैसा कधीही नीट जगू देत नाही.
💯✔-
इस नश्वर शरीर पर,
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जो था ही नहीं मेरा,
उसके खो जाने पर,
कष्ट किस बात का..!
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बातों ही बातों में यह स्पष्ट हो गया
प्रेम हुआ किसी से तो प्रेम भ्रष्ट हो गया
दुःख होता था उनको किसी से बात करने से
धर ली हमने चुप्पी तो और भी कष्ट हो गया-