करीब आकर बैठो तो समझ आये हम
दूर से तो हम ख़ुद को भी पसन्द नहीं...-
कहने की बातें होती है कितनी देर लगती है किसी को जानने में सच कहूँ तो बस कुछ ही पल लगते है किसी को जानने में
पर कभी कभी हमारा दिल धोखा खा जाता है
किसी को पहचानने में......
कहते है दिल के रिश्ते खून के रिश्तों
से ज्यादा करीब होते है....
पर उन्हें कौन समझाए ये दिल के रिश्ते ही होते है जो
कभी कभी ज़िन्दगी में ऐसे मोड़ पे धोखा देते है
जहाँ इंसान ना टूटता है ना बिखरता है
बस शुष्क बन कर ज़िन्दगी
व्यतीत कर देता है.....
-
बहुत नजदीक आकर जो दूर चले जाते हैं
वो कभी पास आकर भी करीब नहीं होते हैं-
मिलो के फासले भी क्या खूब होते है
यकीन मानो दूर के रिश्ते दिल क़रीब होते है।-
काश! किसी दुआ, मन्नतों की
मैं वो ताबीज़ होती।
तेरे दिल में ना सही तेरे धड़कनों
के नज़दीक होती।।-
ना दुरी सही जाए
ना करीब रहा जाए
ये कैसी सजा है इश्क़ की,
ना तू मेरा होगा कभी
ना किसी और का होया जाए... !!-
हर लम्हा तुझसे दूर जाता हुआ
तेरे पास निकला
फासलों के दरमियां हर फासला
तुझसे करीब निकला
चलते रहे साथ तेरे
ना आवाज़ हुयी ना खबर
ख़ामोशियों के दरमियां भी
हर एक बात का जिक्र निकला-
कैसे ना हो इश्क उनकी सादगी पर
ए-खुदा.ख़फा हैं हमसे मगर करीब बैठे हैं-