हाथी मुझे पसंद नहीं....
क्योंकि
उसके खाने के दांत और
दिखाने के दांत और-
'कथनी' से महान 'करनी' होती है साहब..!
क्योकिं कह कर तो कुछ ही कार्य करवा सकते हैं..!!
पर खुद करके अनेकों असंभव कार्य संभव कर सकते हैं..!!!
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दुख पराये देख के पिघले तो है इंसानियत..
कथनी करनी एक हो तब ही मिले इंसानियत..
बात कह कर जो निभाए तो दिखे इंसानियत।।-
आज के ज्वलंत सवाल
कुछ कटु सत्य जो मैंने देखा
👉Please read in caption
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वतन के लिए
अपनी "जान"दे दूंगा।
बस "जानकारी"
मत मांगना।।
😝 शेखू डींगमार्रे 😝
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जिनकी कथनी और करनी में फर्क हो ,
उनपे विश्वास नहीं किया जा सकता है।-
कथनी और करनी हो जाए तो
कहानी और लेखनी हो जाए तो
अकेलापन जीवन में उतर जाता है
सूनापन चहुंओर नजर आता है-
ऐसे लोगों की संख्या
बहुत ज्यादा है
जिनके कथनी
और करनी में
जमीन आसमान का
फर्क होता है।-
कहने से नही होगा
उपदेश देने से भी नही होगा
गर एैसा होना होता
तो सारा देश ही साधू होता
देखी है कई कथा और तकरीरे
बाहर आते ही खींची देखी है लकीरे
तो आओ पहले हम खुद ही सुधरे
फिर जमाने से रखे उम्मीदें कि वो सुधरे
-कनु-
क्या लेकर आया था जग में,क्या वापस ले जाएगा
प्रेम ही शाश्वत है इस जग में,बस प्यार बचा रह जाएगा सबसे प्रेम भाव से बोलो,सबसे सद्व्यवहार करो
प्यार ही दो और प्यार ही लो,बस यही व्यापार करो
मधुर वचन बोलो सब से ही, यही याद रह जाएगा
सब खाते हैं अपनी कमाई,एक दूजे क्यों करें बुराई
सब कहते हैं यह तो गलत है,फिर भी करते हैं चतुराई
बीज बबूल का बोयेंगे , फिर आम कहां से पायेगा
कर्म किया वही लौटके आता,बात यही जगजाहिर है
कथनी करनी फर्क नहीं हो,जो अंदर वह बाहर है
जीवन सुख से बीतेगा और अंत सुखी कट जाएगा
बस प्यार बचा रह जाएगा.......-