Vandana Namdev   (©Vandana Namdev)
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Joined 24 August 2018


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24 AUG 2024 AT 13:49

Conversation is good for healthy relations but understanding is the best medicine. So keep understanding in ur relations.

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5 JAN 2024 AT 13:47

कौशल्या-दशरथ के नंदन, मर्यादा पुरुषोत्तम राम,
जन्मभूमि है नगर अयोध्या, पतित पावनी है श्रीधाम ।
सत्य सनातन धर्म विजेता, संस्कृति के अनुपम पर्याय,
भारत के जन जन के नायक, अतुलित अद्भुत सर्वहिताय ।

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9 APR 2023 AT 20:21

पाना और खोना जमाने का पुराना दस्तूर हो गया।
जीवन के झमेलों में कोई पास तो कोई दूर हो गया।।

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4 APR 2023 AT 0:12

लिखते रहेंगे हम अल्फ़ाज़ यूँ सदा,
देते रहेंगे हम तो आवाज यूँ सदा
जीवन के इस सफर में हार हो जीत
करते रहेंगे लेकिन आग़ाज़ यूँ सदा।
वन्दना नामदेव

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12 JAN 2023 AT 16:09

हे राष्ट्र विचारक अन्वेषक,
हे दिव्य ज्योति हे उद्घोषक।
है नमन तुम्हें शत शत वंदन,
हे नवचेतन के युग प्रवर्तक।
©वन्दना नामदेव

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10 JAN 2023 AT 21:29

हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी ,
सभी भाषा में उत्तम है अधर मुस्कान है हिंदी ।
कराती है सहज परिचय हमारी संस्कृति का यह ,
सभी के दिल में बसती है मधुर गुणगान है हिंदी ।।
©वन्दना नामदेव

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1 JAN 2023 AT 16:37

बोल रहे हैं हमसे पल छिन ।
बीत गया जो कल आया था,
कुछ खोया था कुछ पाया था।
क्या रखा उन बीती बातों में,
कुछ गहरी काली रातों मे ।
उग आया है नवल सवेरा,
सूर्य रश्मियों का नव डेरा।
नवल कांति है नव विहान,
आशान्वित है पूरा जहान ।
नव आशा नव दीप जलेगा,
नव पथ पर फिर मनुज चलेगा।
©वन्दना नामदेव

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22 DEC 2022 AT 13:51

जब गम के कुहासे को चीर, आशा की रोशनी आ गई,
ऐसा लगा कि ज़िन्दगी में इक और ज़िन्दगी आ गई ।
चल पड़े कदम खुद ब खुद अपनी मंजिल की ओर,
मेरे दामन में अनायास ही हर एक खुशी आ गई ।।
©वन्दना नामदेव


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21 DEC 2022 AT 1:04

सर्दियों की धूप में बैठ कर कुछ गुनगुनाना,
सूर्य की किरणें सुनहरी कर रहीं दिन सुहाना।
चुस्कियां हैं चाय की संग यादों का तराना,
लग रहा है जैसे हमें मिल गया कोई खजाना ।
-@ वन्दना नामदेव

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22 NOV 2022 AT 19:32

समस्या तब उत्पन्न होती है जब हम वो बनने की कोशिश करते हैं जो हम है ही नहीं.. ।

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