मेरे श्री राम भी परेशान है उनके अल्लाह भी हैरान है
आज न जाने उनके सारे भक्त कहाँ गुमनाम है..
ना हमें मंदिर चाहिए
ना किसी को मस्ज़िद चाहिए..
जो बचा ले उन्हें मौत से
बस ऐसा कोई चमत्कार चाहिए..
जो बताते थे कभी ख़ुद को ख़ुदा
आज वो कुछ पलों के मेहमान है..
कहते थे कभी जो हमारी बहुत पहचान है
देखो वो पल पल ज़िन्दगी के कितने मोहताज़ है..
मेरे श्री राम भी परेशान है उनके अल्लाह भी हैरान है
आज न जाने उनके सारे भक्त कहाँ गुमनाम है..-
मुद्दतों बाद मिली वो मुझे,
हुआ यूं की उनके चेहरे पे घबराहट और मेरे चेहरे पे मुस्कुराहट थी...!-
सभी "औरतें" अपने प्रेमी में बस
"शाहजहां" नहीं ढूंढ़ती,
की बनाए उनके के लिए "आलिशान ताजमहल",
बहुत सारी "औरतें" अपने "प्रेमी" में
ढूंढती है "दशरथ मांझी" की उन्हीं के तरह
"उनके प्रेमी" भी "वीरान" में कोई
"राह" निकाल दे "समूचे समाज" के लिए..!!!
:--स्तुति-
क्यों शर्मिंदा😔करते हो रोज...
हाल🌀हमारा पूछ कर..!!
हाल हमारा❣️वहीं हैं... #
जो तुमने बना रखा है 💔-
करो फिर से कोई एक वादा कभी ना बिछड़ने का,
तुम्हें क्या फर्क पड़ता है तुम तो एक बार फिर से मुकर जाना।।-
नहीं देखी हूं मैं आपको दो दिन से,
हां आप नहीं रहे, पर हो!!
(आगे अनुशीर्षक में!!)-
उनके लिए पूरी क्लास भरी-भरी जरूरी है
पढ़ाने से ज्यादा उपस्थिति ढेर सारी जरूरी है
बच्चों का मन न हो पढ़ने का फिर भी बैठे रहें
क्योंकि उनके लिए 75% की हाज़िरी जरूरी है-